बिहार में खरमास के बाद कई नेता बदलेंगे राजनीतिक घर

दलबदल की तपिश बिहार में खरमास के बाद कई नेता बदलेंगे राजनीतिक घर

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-09 16:00 GMT
बिहार में खरमास के बाद कई नेता बदलेंगे राजनीतिक घर
हाईलाइट
  • जमीनी पकड़

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में पड़ रही कड़ाके की ठंड में राजनीतिक दलों के नेताओं की जारी यात्राओं को लेकर भले गरम हो, लेकिन खरमास के बाद यानी 15 जनवरी के बाद नेताओं के दलबदल की तपिश अभी से महसूस की जा रही।

कहा जाता है कि खरमास के बाद कई नेता अपने लिए नए घर की तलाश में हैं और वे 15 जनवरी का इंतजार कर रहे हैं। माना भी जाता है कि खरमास में कोई नया कार्य या शुभ कार्य नहीं किया जाता है।

राजनीति के लिए संक्रांति पर चूड़ा-दही भोज खास रहेगा। पाला बदलने को बेताब कई नेताओं को खरमास खत्म होने और शुभ मुहूर्त के आने का बेसब्री से इंतजार है।

इस बीच, सत्तारूढ़ दल की ओर से एक ही दिन दो भोज के आयोजन की घोषणा की गई है। पहला भोज राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर होगा। वहीं, दूसरा चूड़ा-दही का न्यौता जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा दे रहे हैं।

दो नेता तो पार्टी छोड़ नई पार्टी में जाने के लिए भी खरमास समाप्त होने का इंतजार कर रहे हैं। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने पार्टी छोड़ दी है। इसी तरह लोजपा प्रमुख व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने श्रवण कुमार को पार्टी से निकाल दिया है। दोनों के दोनों वर्तमान में किसी भी दल में नहीं है।

माना जा रहा है कि राजीव रंजन अपने पुराने घर यानी जदयू में जायेंगे जबकि श्रवण कुमार का अब तक ठिकाना नहीं मिला है।

इधर, भाजपा के नेता और विधान पार्षद सम्राट चौधरी भी कहते हैं कि खरमास के बाद जदयू में भगदड़ मचेगी। जदयू के कई नेता पार्टी छोड़ेंगे। उनका कहना कहना है कि इन नेताओं को पता है कि नीतीश कुमार के पास अब जमीनी पकड़ समाप्त हो गई है।

 

आईएएनएस

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