उत्तराखंड में 6 मेगा परियोजनाओं का उद्घाटन: पीएम मोदी का विपक्ष पर हमला- ये लोग न किसान के साथ हैं, न वीर जवानों के साथ
उत्तराखंड में 6 मेगा परियोजनाओं का उद्घाटन: पीएम मोदी का विपक्ष पर हमला- ये लोग न किसान के साथ हैं, न वीर जवानों के साथ
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उत्तराखंड में हरिद्वार, ऋषिकेश और बद्रीनाथ समेत कई शहरों की छह मेगा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। नमामि गंगे मिशन के तहत इन परियोजनाओं की सौगात दी गई है। कार्यक्रम के दौरान गंगा को समर्पित एक म्यूजियम का लोकार्पण भी किया गया। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और भारतीय वन्यजीव जनसंस्थान की ओर से प्रकाशित पुस्तक रोविंग डाउन द गंगा का विमोचन भी किया। पीएम मोदी ने जल जीवन मिशन का लोगो भी लॉन्च किया है।
Delhi: Prime Minister Narendra Modi launches logo of Jal Jeevan Mission, via video conferencing; also launches six mega projects in Uttarakhand under Namami Gange Mission. pic.twitter.com/UOg71dYnSM
— ANI (@ANI) September 29, 2020
कार्यक्रम के दौरान विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, आज जब केंद्र सरकार, किसानों को उनके अधिकार दे रही है, तो भी ये लोग विरोध पर उतर आए। ये लोग चाहते हैं कि देश का किसान खुले बाजार में अपनी उपज नहीं बेच पाए। जिन सामानों, उपकरणों की किसान पूजा करता है, उन्हें आग लगाकर ये लोग अब किसानों को अपमानित कर रहे हैं। देश ने देखा है कि कैसे डिजिटल भारत अभियान ने, जनधन बैंक खातों ने लोगों की कितनी मदद की है। जब यही काम हमारी सरकार ने शुरू किए थे, तो ये लोग इनका विरोध कर रहे थे। देश के गरीब का बैंक खाता खुल जाए, वो भी डिजिटल लेन-देन करे, इसका इन लोगों ने हमेशा विरोध किया।
Farmers can now sell their produce to anyone, anywhere. But when centre is giving farmers their rights, these people are opposing it. They don"t want farmers to sell their produce in open market, they want middlemen to earn profit. They"re opposing the freedom of farmers: PM Modi https://t.co/H5mNHgRe7K
— ANI (@ANI) September 29, 2020
MSP लागू करने का काम हमारी सरकार ने किया- मोदी
पीएम ने कहा, वर्षों तक ये लोग (विपक्ष) कहते रहें कि MSP लागू करेंगे, लेकिन नहीं किया। MSP लागू करने का काम स्वामीनाथन कमीशन की इच्छा के अनुसार हमारी ही सरकार ने किया। आज ये लोग एमएसपी पर भी भ्रम फैला रहे हैं। देश में एमएसपी भी रहेगी और किसान को देश में कहीं भी फसल बेचने की आजादी भी रहेगी, लेकिन ये आजादी कुछ लोग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। इनकी काली कमाई का एक और जरिया समाप्त हो गया है। इसलिए इन्हें परेशानी हो रही है।
Today these people are misleading farmers over MSP. There will not only be MSP in the country but also the freedom for farmers to sell their produce anywhere. But some people are unable to tolerate this freedom. Their one more medium to earn black income is finished: PM Modi https://t.co/bGQXerSvBX
— ANI (@ANI) September 29, 2020
सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहा था विपक्ष- मोदी
पीएम मोदी ने कहा, 4 वर्ष पहले जब देश के जांबांजों ने सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए आतंक के अड्डों को तबाह कर दिया था, लेकिन ये लोग अपने जांबाजों से ही सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे थे। सर्जिकल स्ट्राइक का भी विरोध करके, ये लोग देश के सामने अपनी मंशा साफ कर चुके हैं। ये लोग न किसान के साथ हैं, न नौजवानों के साथ और न वीर जवानों के साथ। हमारी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन का लाभ सैनिकों को दिया तो उन्होंने इसका भी विरोध किया।
वायुसेना कहती रही कि हमें आधुनिक लड़ाकू विमान चाहिए, लेकिन ये लोग उनकी बात को अनसुना करते रहे। हमारी सरकार ने सीधे फ्रांस सरकार से सीधे राफेल लड़ाकू विमान का समझौता कर लिया तो, इन्हें फिर दिक्कत हुई। भारतीय वायुसेना के पास राफेल विमान आये और उसकी ताकत बढ़े, ये उसका भी विरोध करते रहे। लेकिन मुझे खुशी है कि आज राफेल भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ रहा है, अंबाला से लेकर लेह तक उसकी गर्जना भारतीय जांबाजों का हौंसला बढ़ रही है।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने ये भी कहा:-
- आज जिस पुस्तक का विमोचन हुआ है, उसमें विस्तार से बताया गया है कि गंगा किस तरह हमारे सांस्कृतिक वैभव, आस्था और विरासत का बहुत बड़ा प्रतीक है। आज मां गंगा की निर्मलता को सुनिश्चित करने वाली 6 बड़ी परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया। इसमें हरिद्वार, ऋषिकेश, बद्रीनाथ और मुनि की रेती में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और म्यूजियम जैसे प्रोजेक्ट भी शामिल हैं, इनके लिए मैं उत्तराखंड के सभी लोगों को बहुत बधाई देता हूं।
- उत्तराखंड में उद्गम से लेकर पश्चिम बंगाल में गंगा सागर तक मां गंगा देश की करीब-करीब आधी आबादी के जीवन को समृद्ध करती हैं। इसलिए गंगा की निर्मलता और अविरलता आवश्यक है। बीते दशकों में गंगा जल की स्वच्छता को लेकर बड़े बड़े अभियान शुरू हुए थे, लेकिन उन अभियानों में न तो जन भागीदारी थी और न ही दूरदर्शिता। अगर पुराने तौर-तरीके अपनाए जाते, तो आज भी हालत उतनी ही बुरी रहती, लेकिन हम नई सोच, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़े। हमने नमामि गंगे मिशन को सिर्फ गंगा जी की साफ-सफाई तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे देश का सबसे बड़ा और विस्तृत नदी संरक्षण कार्यक्रम बनाया।
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सरकार ने चारों दिशाओं में एक साथ काम आगे बढ़ाया। पहला- गंगा जल में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का जाल बिछाना शुरू किया। दूसरा- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ऐसे बनाए, जो अगले 10-15 साल की भी जरूरतें पूरी कर सकें। तीसरा- गंगा नदी के किनारे बसे 100 बड़े शहरों और 5,000 गांवों को खुले में शौच से मुक्त करना। चौथा- जो गंगा जी की सहायक नदियां हैं, उनमें भी प्रदूषण रोकने के लिए पूरी ताकत लगाना। आज सरकार के चौतरफा काम का परिणाम हम सब देख रहे हैं। आज नमामि गंगे परियोजना के तहत 30 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम चल रहा है या पूरा हो चुका है।
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उत्तराखंड में स्थिति ये थी कि गंगोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ से हरिद्वार तक 130 से अधिक नाले गंगा जी मे गिरते थे। आज इन नालों में से अधिकतर को रोक दिया गया है। प्रयागराज कुंभ में गंगा की निर्मलता को दुनियाभर के श्रद्धालुओं ने अनुभव किया था। अब हरिद्वार कुंभ के दौरान भी पूरी दुनिया को निर्मल गंगा स्नान का अनुभव होने वाला है। इसमें ऋषिकेश से सटे मुनि की रेती का चंद्रेश्वर नगर नाला भी शामिल है। इसके कारण यहां गंगा जी के दर्शन के लिए आने वाले और राफ्टिंग करने वाले साथियों को बहुत परेशानी होती थी। अब गंगा म्यूजियम के बनने से यहां का आकर्षण और अधिक बढ़ जाएगा। ये म्यूजियम हरिद्वार आने वाले पर्यटकों के लिए, गंगा से जुड़ी विरासत को समझने का एक माध्यम बनने वाला है।
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आज से यहां देश का पहला चार मंजिला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट शुरू हो चुका है। हरिद्वार में भी ऐसे 20 से अधिक नालों को बंद किया जा चुका है। नमामि गंगे अभियान को अब नये स्तर पर ले जाया जा रहा है। गंगा के स्वच्छता के अलावा अब गंगा से सटे क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के विकास पर भी फोकस है। सरकार द्वारा उत्तराखंड के साथ ही सभी राज्य के लोगों को जैविक खेती से जोड़ने की योजना बनाई गई है।
- आजादी के वर्षों बाद भी 15 करोड़ से ज्यादा घरों में पाइप से पीने का पानी नहीं पहुंचता था। देश में पानी से जुड़ी सभी चुनौतियों से निपटने के लिए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया गया। पानी से जुड़ी चुनौतियों के साथ ये मंत्रालय आज हर घर पानी पहुंचाने के मिशन में जुटा हुआ है। आज जलजीवन मिशन के तहत हर दिन करीब 1 लाख परिवारों को शुद्ध पेयजल की सुविधा से जोड़ा जा रहा है। सिर्फ 1 साल में ही देश के 2 करोड़ परिवारों तक पीने का पानी पहुंचाया जा चुका है।
- आज पैसा न पानी की तरह बहता है, न पानी में बहता है। पैसे की पाई-पाई पानी पर लगाई जाती है। हमारे यहां तो हालत ये थी कि पानी जैसा महत्वपूर्ण विषय, अनेकों मंत्रालयों और विभागों में बंटा हुआ था। इन मंत्रालयों में, विभागों में न कोई तालमेल था और न ही समान लक्ष्य के लिए काम करने का कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश। नतीजा ये हुआ कि देश में सिंचाई हो या फिर पीने के पानी से जुड़ी समस्या, ये निरंतर विकराल होती गईं।
नमामि गंगे मिशन के तहत छह मेगा परियोजनाओं में 68 मिलियन लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले एक नए अपशिष्ट जल शोधन संयंत्र (एसटीपी) का निर्माण, हरिद्वार के जगजीतपुर में स्थित 27 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी के अपग्रेडेशन और हरिद्वार के ही सराई में 18 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी का निर्माण शामिल हैं। जगजीतपुर का 68 एमएलडी क्षमता वाला एसटीपी, सार्वजनिक निजी भागीदारी से पूरी की गई पहली हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल वाली परियोजना है। ऋषिकेश में लक्कड़घाट पर 26 एमएलडी क्षमता वाले एक एसटीपी का भी उद्घाटन किया गया।
देश का पहला 4 मंजिला अपशिष्ट जल शोधन संयंत्र
उत्तराखंड में हरिद्वार-ऋषिकेश क्षेत्र से गंगा नदी में लगभग 80 प्रतिशत अपशिष्ट जल बहाया जाता है। ऐसे में यहां कई एसटीपी परियोजनाओं का निर्माण गंगा नदी को स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। चंद्रेश्वर नगर में मुनि की रेती शहर में 7.5 एमएलडी क्षमता वाला एसटीपी देश का पहला 4 मंजिला अपशिष्ट जल शोधन संयंत्र है। यहां भूमि की सीमित उपलब्धता को एक अवसर के रूप में परिवर्तित किया गया है। एसटीपी का निर्माण 900 वर्ग मीटर से कम क्षेत्र में किया गया है, जो ऐसी क्षमता वाले एसटीपी के निर्माण के लिए सामान्य रूप से आवश्यक क्षेत्र का महज 30 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री मोदी ने चोरपानी में 5 एमएलडी क्षमता वाले एक एसटीपी और बद्रीनाथ में 1 एमएलडी तथा 0.01 एमएलडी क्षमता वाले दो एसटीपी का भी उद्धाटन किया।
गंगा नदी के किनारे बसे 17 शहरों से नदी में प्रवाहित होने वाले अपशिष्ट जल के उचित प्रबंधन के लिए उत्तराखंड में शुरू की गई सभी 30 परियोजनाओं का निर्माण कार्य सौ फीसदी पूरा हो चुका है जो कि अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। प्रधानमंत्री ने गंगा नदी के कायाकल्प के लिए सांस्कृतिक और जैव विविधता के क्षेत्र में की गई गतिविधियों को प्रदर्शित करने वाले अपने तरह के पहले संग्रहालय गंगा अवलोकन का भी उद्घाटन किया। यह संग्रहालय हरिद्वार के चंडी घाट में स्थित है।
पुस्तक रोविंग डाउन द गंगा का विमोचन
परियोजनाओं के उद्धाटन अवसवर पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और भारतीय वन्यजीव जनसंस्थान की ओर से प्रकाशित पुस्तक रोविंग डाउन द गंगा का भी विमोचन किया। रंगीन चित्रों वाली यह पुस्तक गंगा नदी की जैव विविधता और उसकी संस्कृति को एक साथ जोड़कर प्रस्तुत करने का एक बेहतरीन प्रयास है। गंगा नदी के गोमुख से निकल कर गंगा सागर में समुद्र में गिरने तक इसमें नाव के जरिए यात्रा करने वाले क्या क्या देख सकते हैं, इसका वृतांत पुस्तक में बखूबी पेश किया गया है।