बुद्धिजीवियों के सहारे मतदाताओं को साधने की कवायद

मणिपुर विधानसभा चुनाव बुद्धिजीवियों के सहारे मतदाताओं को साधने की कवायद

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-01 13:30 GMT
बुद्धिजीवियों के सहारे मतदाताओं को साधने की कवायद

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में 2017 में पहली बार सत्ता हासिल करने वाली भाजपा 2022 में फिर से सरकार बनाने के लक्ष्य के साथ चुनावी मैदान में उतरने जा रही है। इसके लिए राज्य स्तर पर मतदाताओं तक पहुंचने के लिए तमाम अभियान चला रही भाजपा ने बुद्धिजीवियों के सहारे भी मतदाताओं को साधने की कवायद शुरू कर दी है। मणिपुर के बुद्धिजीवियों तक सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाने और उनका फीडबैक लेने के लिए राजधानी दिल्ली में मणिपुर के बुद्धिजीवियों का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मणिपुर से लोकसभा सांसद और केंद्रीय विदेश एवं शिक्षा राज्य मंत्री डॉ राजकुमार रंजन सिंह ने नार्थ ईस्ट को लेकर मोदी सरकार की तमाम उपलब्धियों के बारे में चर्चा की।

मणिपुर प्रभारी और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने राजधानी दिल्ली में मणिपुर के बुद्धिजीवियों के साथ की गई चर्चा के बारे में आईएएनएस से बातचीत करते हुए बताया कि मणिपुर के बुद्धिजीवी लोगों के साथ भाजपा सरकार की उपलब्धियों को लेकर चर्चा की गई । उन्होने बताया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नार्थ ईस्ट के विकास को लेकर जितने भी काम किए हैं , उसे लेकर खास तौर से चर्चा की गई। आईएएनएस से बातचीत करते हुए मणिपुर भाजपा प्रभारी संबित पात्रा ने बताया कि मणिपुर के रिटायर्ड प्रोफेसर, सेना के रिटायर्ड अधिकारी , पूर्व अधिकारी और विद्यार्थियों के युवा प्रतिनिधियों के साथ खास चर्चा के दौरान सरकार के कामकाज को लेकर उनका फीडबैक भी लिया गया।

कार्यक्रम में शामिल और आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल एल एन सिंह ( रिटायर्ड) ने आईएएनएस को बताया कि एक एनजीओ के बैनर तले इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था और इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य नार्थ ईस्ट को लेकर मोदी सरकार ने जितने काम किए हैं, उस पर लोगों का फीडबैक लेना था। उन्होने बताया कि इनरलाइन परमिट का मामला हो या अंग्रेजों के खिलाफ जंग लड़ने वाले मणिपुरी राजपरिवार और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान का मामला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के सम्मान और गौरव को लेकर जो कदम उठाए हैं, उन्हे लेकर भी इस कार्यक्रम में चर्चा की गई।

आपको बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के एक ऐतिहासिक स्थल माउंट हैरियट का नाम बदलकर माउंट मणिपुर कर दिया है, जहां ब्रिटिशकाल के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले मणिपुर के राजा और उनके साथियों को निर्वासित कर दिया गया था। राजधानी दिल्ली में रविवार देर रात तक चले इस कार्यक्रम में मणिपुर से ताल्लुक रखने वाले 100 के लगभग बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया और सरकार के कामकाज को लेकर अपना-अपना फीडबैक भी भाजपा नेताओं के साथ साझा किया।

( आईएएनएस )

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