Bihar: आरजेडी नेता को कांग्रेस का जवाब, कहा- गिरिराज-शाहनवाज की भाषा बोल रहे हैं शिवानंद.. हमें ये स्वीकार नहीं

Bihar: आरजेडी नेता को कांग्रेस का जवाब, कहा- गिरिराज-शाहनवाज की भाषा बोल रहे हैं शिवानंद.. हमें ये स्वीकार नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-16 03:59 GMT

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा तो अब कांग्रेस ने आरजेडी पर पलटवार किया है। कांग्रेस नेता प्रेम चंद्र मिश्रा ने तिवारी की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसी टिप्पणी "स्वीकार्य नहीं है" क्योंकि दोनों दल गठबंधन का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को लेकर गिरिराज सिंह और शाहनवाज हुसैन जैसी भाषा राजद नेता का बोलना हमें स्वीकार नहीं। गठबंधन का धर्म होता है, जिसे सभी पक्षों को पालन करना चाहिए।

क्या कहा था शिवानंद तिवारी ने?
RJD नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि चुनाव अपने चरम पर था और राहुल गांधी शिमला में बहन प्रियंका के साथ पिकनिक पर थे। क्या पार्टी ऐसे ही चल रही है? आरोपों को उस तरह से लगाया जा सकता है जिस तरह से कांग्रेस को चलाया जा रहा है?" इससे भाजपा को फायदा हो रहा है। शिवानंद तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी के घर बैठक हुई थी। इसमें कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मुकुल वासनिक, मनीष तिवारी ये सब थे। सब लोगों ने चिट्ठी लिखी, ये सब जीवन भर कांग्रेस के प्रति लॉयल रहे। इस तरह से आप पार्टी नहीं चला सकते  है। इस तरह से पार्टी चलती है क्या? कांग्रेस का जिस तरह से कारोबार चल रहा है उससे BJP का फायदा हो रहा है। RJD नेता ने कहा कि मुझे लगता है कि केवल बिहार में ही ऐसा नहीं है।अन्य राज्यों में भी कांग्रेस ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने पर जोर देती है, लेकिन वो चुनाव जीतने में विफल रहती हैं। कांग्रेस को इस बारे में सोचना चाहिए।

 

 

महागठबंधन को 110 और NDA को 125 सीटें मिली
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में 243 सीटों में से एनडीए को 125, महागठबंधन को 110 और एआईएमआईएम, बसपा व दूसरे दलों को 8 सीटें मिली। आरजेडी को 75 सीट पर जीत दर्ज की। वहीं बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से उसके मात्र 19 प्रत्याशी ही जीतने में सफल रहे। महागठबंधन के सहयोगियों में कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे खराब था। कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन लेफ्ट पार्टियों का रहा। लेफ्ट पार्टियों ने 29 सीटों में 16 सीटें जीत लीं। इनमें सबसे अधिक 12 सीटें सीपीआई-एमएल ने जीतीं जो 19 सीटों पर खड़ी थी।

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