बीएसपी के गढ़ नकुड़ में नाक बचाने में जुटी बीजेपी और सपा , जाति ही तय करती है जीत
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 बीएसपी के गढ़ नकुड़ में नाक बचाने में जुटी बीजेपी और सपा , जाति ही तय करती है जीत
- बीजेपी और सपा गठबंधन में कड़ा मुकाबला
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तरप्रदेश विधानसभा का दूसरा चरण बीजेपी के लिए पहले चरण के चुनाव से अधिक चुनौती भरा है। यहां बीजेपी के साथ साथ बीजेपी से सपा में गए योगी सरकार में मंत्री रहे धर्म सिंह सैनी के लिए नाक बचाने का सवाल है। दूसरे चरण की सबसे अहम सीटोंं में शामिल नकुड़ सीट पर चुनावी मुकाबला सियासी चेहरों के पाला बदलने से रोचक हो गया है।
सीट पर छिड़ी चुनावी जंग में हर कोई नेता अपने जीत का दावा ठोंक रहा है। लेकिन जीत का बाजीगर कौन बनेगा? ये इलाके के जातीय समीकरण तय करते है। सभी पार्टियां जातीय समीकरण साधने में लगी हुई हैं। साथ ही दूसरे के वोटबैंक में सेंध लगाने में जुटी है।
कभी बसपा का मजबूत गढ़ रहा नुकड़ को बीजेपी ने 2017 में भेद दिया जब बसपा से बागी होकर सैनी बीजेपी में शामिल हुए और बीजेपी के चुनावी चिह्न पर चुनाव लड़े और जीते। सैनी को योगी सरकार में मंत्री भी बनाया गया। हाल ही मैं सैनी ने बीजेपी को छोड़ दिया। अब एक बार फिर से बीएसपी यहां मजबूत दिखाई दे रही है।
हालांकि कुछ राजनीति विश्लेषक यहां सपा बीजेपी बीएसपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला मान रहे है। हालांकि इलाके के मतदाता अलग अलग अलग मुद्दों में बंटे हुए है। जाट किसान योगी मोदी सरकार के प्रति नाराज है। वहीं जातियों में बटा चुनावी इलाका अपने अपने जाति के चेहरे को देख रहे है।
मुस्लिम दलित और जाट वोट के आंकड़ें बताते है कि जिस दल के साथ ये वोट गया उसकी जीत पक्की है। समाजवादी पार्टी ने यहां से बीजेपी से आए धर्म सिंह सैनी को उम्मीदवार बनाया है, वहीं बीजेपी ने गुर्जर जाति से आने वाले मुकेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। जबकि बीएसपी ने मुस्लिम कार्ड खेलते हुए साहिल खान को अपना कैंडिडेट बनाया है वहीं कांग्रेस ने ठाकुर रणधीर सिंह पर अपना दांव आजमाया है।
साल 2017 में भाजपा के टिकट पर जीते मंत्री सैनी इस बार सपा की साइकिल की सवारी कर रही है उनके पक्ष में अच्छी खबर यह है कि उनके प्रतिद्वंदी इमरान मसूद इस बार उनके साथ है। सैनी और मसूद के पार्टी पाले बदलने से चुनावी समीकरण बदल गए है।
सपा प्रत्याशी डॉ. धर्म सिंह सैनी जातीय वोटों के साथ मुस्लिम और जाट का समीकरण बनाने में लगे हैं। बीजेपी के मुकेश चौधरी अति पिछड़ा, सवर्ण और गुर्जर और बीजेपी के परंपरागत वोटों के सहारे चुनावी नैया पार करने की फिराक में है। बीएसपी का हाथी दलित मुस्लिम वोटर के दम पर हुंकार भरने की जुगत में है। कांग्रेस के रणधीर सिंह चौहान सवर्ण वोटरों के सहारे जीत का दावा ठोंक रहे हैं।