कलकत्ता हाईकोर्ट का मतदान प्रक्रिया में दखल से इनकार
बंगाल पंचायत चुनाव कलकत्ता हाईकोर्ट का मतदान प्रक्रिया में दखल से इनकार
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग (डब्ल्यूबीएसईसी) द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के चुनाव कराने के लिए शुरू की गई प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने यह भी कहा कि डब्ल्यूबीएसईसी मतदान से संबंधित सभी फैसले लेगी और अदालत इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी।
विपक्ष के नेता ने दो आधारों पर जनहित याचिका दायर की। पहला आधार यह था कि राज्य में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) की वर्तमान जनसंख्या का आंकड़ा घरेलू सर्वेक्षण के आधार पर निकाला जाना चाहिए, जैसा कि अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के मामले में किया गया था। जनहित याचिका में उन्होंने तर्क दिया कि दो अलग-अलग मानदंड नहीं हो सकते, एक एससी/एसटी के मामले में और दूसरा ओबीसी के मामले में।
विपक्ष के नेता द्वारा जनहित याचिका में उजागर किया गया दूसरा आधार ग्रामीण नागरिक निकाय के लिए केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती से संबंधित था।
हालांकि न्यायमूर्ति श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति भारद्वाज की खंडपीठ ने मंगलवार को जनहित याचिका को खारिज कर दिया, लेकिन विपक्ष के नेता को केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती के मुद्दे पर एक अलग याचिका दायर करने की अनुमति दी।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के मंगलवार के फैसले के बाद डब्ल्यूबीएसईसी के लिए ग्रामीण निकाय चुनावों की तारीखों की घोषणा करने में बाधाएं दूर हो गई हैं।
इस फैसले का स्वागत करते हुए तृणमूल कांग्रेस के राज्य उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने कहा कि पंचायत चुनाव में बाधा उत्पन्न करने के भाजपा के प्रयासों को अंतत: हटा दिया गया है। उन्होंने कहा, अदालत ने आखिरकार पंचायत चुनावों के बारे में निर्णय लेने के डब्ल्यूबीएसईसी के अधिकारों को बरकरार रखा है।
(आईएएनएस)
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