टीपू-सावरकर से दूर कांग्रेस का 40 प्रतिशत कमीशन सरकार पर निशाना
राजनीति टीपू-सावरकर से दूर कांग्रेस का 40 प्रतिशत कमीशन सरकार पर निशाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिजाब विवाद के बाद कर्नाटक भाजपा अब कोठरी से कंकाल निकालने के लिए इतिहास खंगाल रही है। इस कड़ी में टीपू सुल्तान का मुद्दा सबसे नया है। भाजपा नेता विधानसभा चुनाव से पहले मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस ने इसे ध्यान भटकाने वाली रणनीति करार देते हुए संकेत दिया कि वह केवल वर्तमान भाजपा सरकार की विफलताओं और राज्य में भ्रष्टाचार के मुद्दे के बारे में ही बात करेगी।
कर्नाटक विधान परिषद में कांग्रेस नेता बी.के. हरिप्रसाद ने कहा, वे टीपू सुल्तान की तुलना सावरकर से कर रहे हैं। टीपू सुल्तान एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और सावरकर ने अंग्रेजों का समर्थन किया। लेकिन एआईसीसी के अधिकांश नेता सरकार पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं और आरोप लगाया कि बोम्मई सरकार 40 प्रतिशत कमीशन सरकार है।
कर्नाटक के प्रभारी महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा, दलबदल और भ्रष्टाचार की नींव पर बनी नाजायज बोम्मई सरकार ब्रांड कर्नाटक के लिए अभिशाप बन गई है। यह सरकार भ्रष्टाचार, टूटे वादों और टूटे सपनों के साथ-साथ सार्वजनिक धन की बेशर्म लूट की प्रतीक है।
अगले कुछ महीनों में राज्य में चुनाव होने हैं, ऐसे में भाजपा के नेता राजनीतिक खेल का ध्रुवीकरण करने के लिए टीपू सुल्तान का मुद्दा उठा रहे हैं। कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री सी.एन. अश्वथ नारायण ने गुरुवार को विपक्षी नेता सिद्धारमैया को खत्म करने के अपने विवादास्पद बयान से विवाद खड़ा कर दिया।
हरिप्रसाद ने कहा, यह सांप्रदायिकता की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा भ्रष्टाचार और कुशासन के कारण नाटक हार गई है और वह राज्य की राजनीति में प्रासंगिक बने रहने के लिए अंतिम प्रयास कर रही है।
नारायण ने विवादित बयान मांड्या जिले के सतनूर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान दिया था। उन्होंने कहा था, सिद्धारमैया टीपू सुल्तान (मैसूर के पूर्व शासक) के स्थान पर आएंगे। क्या आप वीर सावरकर या टीपू सुल्तान चाहते हैं? आपको तय करना होगा। आप जानते हैं कि उरी गौड़ा और नन्जे गौड़ा (टीपू सुल्तान से लड़ने वाले सैनिक) ने टीपू सुल्तान के साथ क्या किया था। इसी तरह, उन्हें (सिद्धारमैया को) खत्म कर देना चाहिए।
कांग्रेस नेताओं ने बेंगलुरु के मल्लेश्वरम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है और नारायण के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया, एक महीने से नफरत भरे भाषण दिए जा रहे हैं। उल्लाल और तुमकुरु में भड़काऊ बयान जारी किए जा रहे हैं। इसका अंत होना चाहिए।
नारायण ने कहा कि उन्होंने सिद्धारमैया की तुलना टीपू सुल्तान से की थी। मैंने टीपू सुल्तान के प्रति सिद्धारमैया के प्यार के बारे में बात की है। मैंने उनके बारे में अनादरपूर्वक बात नहीं की है। मैंने एक हत्यारे (टीपू सुल्तान) का महिमामंडन करने वाली कांग्रेस पार्टी को हराने का आह्वान किया है। कोई निजी दुश्मनी नहीं है। यह वैचारिक मतभेद है। अगर उन्हें ठेस पहुंची है तो मैं उनसे माफी मांगता हूं।
(आईएएनएस)।
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