एकनाथ शिंदे के अलावा और भी कई राजनेता हैं, जो कम जनादेश मिलने के बावजूद सीएम बने

राजनीति की अनीति एकनाथ शिंदे के अलावा और भी कई राजनेता हैं, जो कम जनादेश मिलने के बावजूद सीएम बने

Bhaskar Hindi
Update: 2022-07-01 18:21 GMT
एकनाथ शिंदे के अलावा और भी कई राजनेता हैं, जो कम जनादेश मिलने के बावजूद सीएम बने

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में कई दिनों से जारी राजनीतिक उठापटक का अंत उस समय हुआ जब शिवसेना के बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसी के साथ महाराष्ट्र को एक नया मुख्यमंत्री मिला। शुरुआत में कयास लगाए जा रहे थे कि, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके देवेन्द्र फड़नवीस एक बार फिर यह पद संभालेंगे। शिवसेना के बागी विधायक उनको बाहर से समर्थन देंगें। लेकिन फड़नवीस ने चौकाने वाला फैसला लेते हुए एकनाथ शिंदे के नाम का ऐलान मुख्यमंत्री पद के लिए कर दिया और खुद सरकार को बाहर से समर्थन देने की बात कह दी। हालांकि इसके कुछ समय बाद बीजेपी आलाकमान के कहने पर उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार कर लिया।

इस घटना के बाद एकनाथ शिंदे उन नेताओं की सूची में शामिल हो गए, जिनकी पार्टी को अपनी सहयोगी पार्टी के मुकाबले कम जनादेश मिला लेकिन फिर भी उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। भारतीय राजनीति में ऐसा पहले भी हुआ है जब सदन में कम संख्या होने के बाद भी नेता महत्वपूर्ण पदों पर पहुंचे हैं। आइए जानते हैं उन नेताओं के बारे में।

नीतीश कुमार

इस सूची में सबसे पहला नाम आता है, बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश की पार्टी जेडीयू 47 सीटों पर विजयी रही थी, जबकि उनकी सहयोगी पार्टी बीजेपी ने 74 सीटें जीती थीं। संख्याबल के आधार पर बीजेपी से किसी नेता के मुख्यमंत्री बनने के आसार थे, लेकिन बीजेपी ने नीतीश को मुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। 

इससे पहले 2015 के विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही कुछ देखना को मिला था। इस चुनाव में एनडीए से अलग होकर जेडीयू ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। चुनाव में जेडीयू को अपनी सहयोगी पार्टी आरजेडी से कम सीटें मिलीं थीं। जेडीयू के खाते में 71 जबकि, आरजेडी के खाते में 80 सीटें आई थीं। पर फिर भी मुख्यमंत्री का पद नीतीश को मिला था और चुनाव में नंबर 1 आने वाली आरजेडी के नेता तेजस्वी को सरकार में नंबर दो यानि उपमुख्यमंत्री का पद मिला। 

कुमारस्वामी

कर्नाटक में 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। बीजेपी ने विधानसभा की 224 सीटों में से सबसे ज्यादा 104 सीटें जीतीं। सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते येदियुरप्पा ने सीएम पद की शपथ भी ली थी। लेकिन, सदन में बहुमत साबित न कर पाने की वजह से वह मात्र ढाई दिन मुख्यमंत्री रह सके, और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद चुनाव में 78 सीटें जीतकर दूसरे नंबर पर रहने वाली कांग्रेस ने अपने लगभग आधी सीटें (37) जीतने वाली जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। कांग्रेस ने सदन में संख्याबल अधिक होने के बाद भी जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनने का ऑफर दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। यहां भी बिहार और महाराष्ट्र जैसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी कांग्रेस के जी परमेश्वर ने उपमुख्यमंत्री का पद संभाला। 
 

Tags:    

Similar News