ममता की केंद्रीय एजेंसी पर चुटकी ने राजनीतिक लहर पैदा की
बंगाल शिखर सम्मेलन ममता की केंद्रीय एजेंसी पर चुटकी ने राजनीतिक लहर पैदा की
कोलकाता, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि उद्योगपति केंद्रीय एजेंसियों से परेशान न हों। उनकी इस चुटकी ने बुधवार को राज्य में राजनीतिक लहर पैदा कर दी।
यहां बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट (बीजीबीएस) 2022 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए ममता ने कहा : मैं माननीय राज्यपाल को बताना चाहती हूं कि हम राज्य और देश का आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं।
लेकिन मैं माननीय सरकार से भी अनुरोध करना चाहूंगी कि इस मामले को केंद्र सरकार के पास ले जाएं, ताकि हमें केंद्रीय सहायता मिल सके। साथ ही, उद्योगपतियों को किसी भी केंद्रीय एजेंसी के माध्यम से परेशान नहीं किया जाना चाहिए।
ममता की टिप्पणी आने के तुरंत बाद विपक्षी नेताओं की ओर से राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आने लगीं, जिनमें से अधिकांश ने मुख्यमंत्री को एक व्यावसायिक शिखर सम्मेलन में ऐसी टिप्पणी करने के लिए फटकार लगाई।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और लोकसभा सांसद सुकांत मजूमदार ने कहा कि मुख्यमंत्री के लिए इस तरह की राजनीतिक टिप्पणी करने के लिए बिजनेस समिट आदर्श मंच नहीं है।
उन्होंने कहा, इस तरह की टिप्पणियां व्यापार बिरादरी को गलत संकेत देती हैं। उन्होंने सार्वजनिक रूप से उद्योगपतियों को परेशान किए जाने का उल्लेख किया। क्या उन्होंने वास्तव में अपनी पार्टी के सहयोगियों और परिवार के सदस्यों के बारे कहा, जो केंद्रीय जांच एजेंसियों की जांच की गिरफ्त में हैं?
मजूमदार ने कहा, केंद्र सरकार आर्थिक विकास के मुद्दे पर राज्य सरकार के साथ सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार है। लेकिन मुख्यमंत्री को पहले राज्य में कानून-व्यवस्था को दुरुस्त कर शांति का माहौल सुनिश्चित करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो कोई भी उद्योगपति राज्य में निवेश नहीं करेगा।
माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने मुख्यमंत्री पर अपने राजनीतिक विचारों को व्यक्त करने के लिए सभी प्लेटफार्मो का उपयोग करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ममता ने उद्योगपतियों को राज्य में चल रही केंद्रीय एजेंसी की पूछताछ का संकेत परोक्ष रूप से देने के लिए यह बयान दिया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ सांसद अधीर रंजन चौधरी ने बिजनेस समिट के मंच का इस्तेमाल अपने राजनीतिक विचारों को प्रसारित करने के लिए करने के लिए राज्यपाल और मुख्यमंत्री दोनों की आलोचना की।
चौधरी ने कहा, राज्य के कार्यकारी और संवैधानिक प्रमुखों की इस तरह की टिप्पणियां राज्य की छवि के बारे में सही संकेत नहीं देती हैं।
ममता बनर्जी की टिप्पणी का बचाव करते हुए तृणमूल महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सही ही कहा है कि जब भी कोई उद्योगपति राज्य में निवेश करने की उत्सुकता दिखाता है, तो उसे विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों द्वारा परेशान किया जाता है।
घोष ने कहा, इसलिए उन्होंने राज्यपाल से इस मामले को देखने का अनुरोध किया।
एसजीके/एएनएम