अंतिम विदाई: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल का रायपुर में निधन, दोपहर में होगा अंतिम संस्कार

  • रायपुर के बालाजी अस्पताल में ली आखिरी सांस
  • तीन महीने से तबीयत खराब
  • ब्राह्मणवाद के कट्टर विरोधी नेता नंद कुमार बघेल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-08 04:49 GMT

डिजिटल डेस्क, रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल का आज सुबह निधन हो गया है। रायपुर के बालाजी अस्पताल में सुबह छह बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। करीब तीन महीनों से उनकी तबीयत खराब थी। गंभीर हालत में उनका इलाज चल रहा था।  आज दोपहर में स्वर्गीय नंद कुमार बघेल का अंतिम संस्कार किया जाएगा। दरअसल भूपेश बघेल दिल्ली में हैं और उनके आज दोपहर तक रायपुर पहुंचने की संभावना है, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार होगा।

रावण और महिषासुर महान योद्धा-नंद कुमार बघेल

नंदकुमार बघेल ने बीते कुछ सालों से छत्तीसगढ़ के गांवों में दुर्गा पूजा और रावण वध के खिलाफ अभियान छेड़ रखा था। वे गांव-गांव जाकर वहां के आदिवासी समुदाय से दशहरे को रावण पुतले का दहन ना करने की अपील करते रहे। 2019 में उन्होंने दशहरा के कार्यक्रम में रावण को महान योद्धा, पुरखा बताकर विजयादशमी को शोक दिवस मनाया। वे सभी जगहों पर जाकर महिषासुर, रावण, मेघनाद के पुतले जलाए जाने और दुर्गा पूजा का विरोध करते रहे, उनका कहना है कि ब्राह्मण समाज बहुजन मूल संस्कृति को अपमानित करने के लिए महान योद्धाओं का वध कर रहा है।

बसपा और जनता दल से जुड़े रहे नंद कुमार बघेल की पहचान, पिछड़े वर्ग के कट्टर समर्थक और ब्राह्मणवाद के कट्टर विरोधी नेता के तौर पर रही है। वे अपनी सैद्धांतिक लड़ाइयों को लेकर वे बेहद गंभीर माने जाते रहे। ब्राह्मणों के खिलाफ आक्रामक बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में बने रहते थे। साल 2021 में उन्होंने ब्राह्मणों को विदेशी बताया, उन्होंने ब्राह्मणों को गंगा से वोल्गा भेजने की बात कही। ब्राह्मण या तो सुधर जाएं या वोल्गा जाने के लिए तैयार हो जाएं। इस बयान के बाद उनके खिलाफ रायपुर में एफआईआर दर्ज की गई थी। 

वो हमेशा ब्राह्मणवाद के खिलाफ लड़ते रहे। उन्होंने एक बार कहा था कि ब्राह्मण हम लोगों को अछूत मानते हैं तो हम लोग ब्राह्मणों और उनकी विचारधारा वाले लोगों को वोट क्यों दें, इसीलिए हम लोग एससी-एसटी और अल्पसंख्यक को एकजुट कर रहे हैं। पूरे जीवन पर्यंत वोओबीसी, अल्पसंख्यक, एससी और एसटी को एकजुट करने में लगे रहे। 

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