लोकसभा चुनाव 2024: कमल हासन की पार्टी एमएनएम डीएमके नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल हुई
- देश की खातिर शामिल हुए, किसी पद के लिए नहीं-हासन
- दलगत राजनीति को छोड़कर देश के बारे में सोचने की जरूरत
- हम सामंती राजनीति का हिस्सा नहीं बनेंगे-कमल हासन
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। अभिनेता कमल हासन के नेतृत्व वाली पार्टी मक्कल निधि मय्यम यानि एमएनएम अपनी स्थापना के छह साल बाद शनिवार को तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नीत गठबंधन में शामिल हो गई और उसे आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपना समर्थन दिया है। मक्कल निधि मय्यम के फाउंडर कमल हासन ने चेन्नई में कहा कि देश की खातिर डीएमके नीत गठबंधन में शामिल हुए, किसी पद के लिए नहीं।
आपको बता दें दो सप्ताह पहले पार्टी की सातवीं वर्षगांठ समारोह में उन्होंने कहा था कि अभी दलगत और स्थानीय राजनीति को छोड़कर देश के बारे में सोचने की जरूरत है। जो भी पार्टी या गठबंधन देश के बारे में निस्वार्थ भाव से सोचेगा, उनकी पार्टी मक्कल निधि मय्यम उसका हिस्सा बनेगी, उसका तहेदिल से समर्थन करेगी। उन्होंने आगे कहा था कि किसी भी हालातों में हम सामंती राजनीति का हिस्सा नहीं बनेंगे।
डीएमके के साथ एमएनएम की हुई बैठक के बाद पार्टी महासचिव अरुणाचलम ने कहा कि मक्कल निधि मय्यम आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही है। वो डीएमके के समर्थन में प्रचार करेंगे। हासन की पार्टी को संसदीय चुनाव लड़ने के लिए सीटें आवंटित किए जा सकने की अटकलों के बीच द्रमुक ने एमएनएम को 2025 के राज्यसभा चुनाव के लिए एक सीट आवंटित की।
सरकारी समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा के अनुसार हासन और सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने यहां द्रमुक मुख्यालय अन्ना अरिवलयम में समझौते को अंतिम रूप दिया। हासन ने समझौता करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने गठबंधन में शामिल होने का कदम किसी पद के लिए नहीं, बल्कि देश की खातिर उठाया।
उन्होंने गठबंधन को अपनी पार्टी का ‘‘पूर्ण समर्थन’’ दिया। दोनों नेताओं के बीच बनी सहमति के अनुसार, एमएनएम पार्टी तमिलनाडु की 39 लोकसभा सीट और एकमात्र पुडुचेरी क्षेत्र में प्रचार अभियान संबंधी कार्य करेगी।
आपको बता दें 21 फरवरी, 2018 को कमल हासन ने मक्कल निधि मय्यम की स्थापना की थी। उनकी पार्टी ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों को खड़ा किया था। मगर दोनों चुनाव में पार्टी का खाता नहीं खुला। 2019 लोकसभा चुनाव में एमएनएम ने 37 कैंडिडेट उतारे थे, मगर सभी उम्मीदवार जीत की दहलीज से दूर रहें। वहीं 2021 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में कमल हासन ने 180 सीटों पर प्रत्याशी उतारकर डीएमके, कांग्रेस और एआईडीएमके को चुनौती दी। उनके अधिकतर प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को लोकसभा चुनाव से भी कम वोट मिले थे। यहां तक की खुद कमल हासन कोयंबटूर दक्षिण सीट से भाजपा प्रत्याशी वान्थी श्रीनिवासन से चुनाव हार गए थे। कमल हासन ने अपनी चुनावी हार को लोकतंत्र की विफलता बताते हुए कहा कि कोयंबटूर साउथ के 90 हजार लोगों ने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया, यानि इतने लोगों ने वोट नहीं डाला। उन्होंने आगे कहा कि इंडियन सिटीजन के तौर पर ऐसे लोगों को खुद से सवाल पूछना चाहिए कि क्या मताधिकार का इस्तेमाल नहीं करना, सही फैसला था। अगर लोकतंत्र में लोग वोट नहीं डालेंगे तो ईमानदार प्रत्याशी कभी चुनाव जीत पाएगा।