लोकसभा चुनाव 2024: छठे चरण में यूपी की 14 सीटों पर होगा मतदान, जानिए इन सीटों के बारे में

  • देश में 25 मई को लोकसभा चुनाव का छठा चरण
  • 7 राज्यों की 58 सीटों पर मतदान
  • जानिए यूपी की 14 सीटों के बारे में

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-21 18:50 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के सात में से पांचवे चरण का मतदान 20 मई को पूरा हो चुका है। इसके बाद अब अगले यानी छठे चरण का मतदान 25 को होना है। इसमें 7 राज्यों की 58 सीटों पर 889 कैंडिडेट्स मैदान में उतरे हैं। इस चरण में उत्तरप्रदेश की 14 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। यूपी की इन सीटों पर 162 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। छठे चरण में मेनका गांधी, जगदंबिका पाल, दिनेश लाल यादव निरहुआ और कृपाशंकर सिंह के भाग्य का फैसला इवीएम में कैद होगी। आइए जानते हैं यूपी में इन 14 सीटों के बारे में

डुमरियांगज लोकसभा सीट

राज्य की सबसे हॉट सीट में से एक डुमरियांगज पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच भीड़ंत है। इस सीट पर भाजपा ने मौजूद सांसद जगदंबिका पाल पर दांव लगाया है। डुमरियांगज से जगदंबिका पाल 3 बार की सांसद हैं। यहां से समाजवादी पार्टी ने कुशल तिवारी को मैदान में उतारा है। कुशल तिवारी को भीष्ण शंकर के नाम से भी जाना जाता है। वह बाहुबली हरिशकर तिवारी के बेटे हैं। कुशल तिवारी संतकबीर नगर से 2 बार के सांसद रह चुके हैं। इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी ने मुस्लिम कैंडिडेट्स नदीम मिर्जा पर दांव लगाया है।

लालगंज लोकसभा सीट

इस सीट पर भाजपा ने नीलम सोनकर को मौका दिया है। साल 2014 में इस सीट पर नीलम सोनकर ने जीत दर्ज की थी। उनके सामने सपा ने दरोगा प्रसाद सरोज पर दांव लगाया है। दरोगा प्रसाद 2 बार के सांसद रह चुके हैं। जबकि, बसपा ने मौजूदा सासंद संगीता आजाद पर फिर से दांव लगाया है।

भदोही लोकसभा सीट

यहां से भाजपा ने इस बार मौजूदा सांसद रमेश चंद बिंद को ना उतारकर विनोद कुमार बिंद को मौका दिया है। इस सीट पर इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल सपा ने टीएमसी के लिए छोड़ी है। टीएमसी ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाणी के पोते ललितेशपति त्रिपाठी पर दांव लगाया है। बीएसपी ने हरिशंकर चौहान को प्रत्याशी बनाया है।

श्रावस्ती लोकसभा सीट

इस सीट पर भाजपा ने राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के बेटे को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा प्रत्याशी को टक्कर देने के लिए सपा ने रामशिरोमणि वर्मा को मैदान में उतारा है। पिछले लोकसभा चुनाव में रामशिरोमणि वर्मा ने बसपा के टिकट पर चुनाव जीता था। इस बार बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी मुइनुद्दीन अहमद खान पर दांव लगाया है।

अंबेडकरनगर लोकसभा सीट

भाजपा प्रत्याशी रितेश पांडेय को सपा के प्रत्याशी लालजी वर्मा और बसपा के कमर हयात से चुनौती मिल रही है। साल 2019 में रितेश पांडेय ने बसपा के टिकट पर चुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने वह बसपा छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे।

संतकबीरनगर लोकसभा सीट

इस सीट पर भाजपा के टिकट पर प्रवीण निषाद दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी उत्तरप्रदेश सरकार के मंत्री संजय निषाद के बेटे हैं। उनके सामने सपा ने पूर्व राज्यमंत्री लक्ष्मी उर्फ पप्पू निषाद को मैदान में उतारा है। बसपा ने यहां से नदीम अशरफ पर भरोसा जताया है। ताकि, संसदीय क्षेत्र में मुस्लिम और दलित को साधा जा सकें।

आजमगढ़ लोकसभा सीट

भाजपा ने एक बार फिर से मौजूदा सांसद दिनेश यादव पर भरोसा जताया है। साल 2022 में दिनेश यादव ने यूपी उपचुनाव में जीत हासिल की थी। यहां से सपा के सुप्रीमो अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को मौका दिया है। जो सांसद हे चुके हैं। बसपा की बात करें तो पार्टी ने इस सीट पर मुस्लिम कैंडिडेट मशहोद सबीहा अंसारी को मैदान में उतारा है।

बस्ती लोकसभा सीट

इस सीट पर भाजपा ने हरीश द्विवेदी को तीसरी बार मैदान में उतारा है। वह इस सीट से 2 बार के सांसद रह चुके हैं। यहां से सपा ने पूर्व मंत्री रामप्रसाद चौधरी को मौका दिया है। इस सीट पर बसपा ने लवकुश पटेल पर दांव लगाया है।

मछलीशहर लोकसभा सीट

यहां से भाजपा के टिकट पर मौजूदा सांसद बीपी सरोज तीसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वह इस सीट पर दो बार के सांसद रह चुके हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में सरोज ने महज 181 वोटों के साथ जीत हासिल की थी। बसपा ने भाजपा प्रत्याशी की हैट्रिक को रोकने के लिए सरोज की 26 साल की बेटी पर दांव लगाया है। जबकि, बसपा ने पूर्व आईएएस कृपाशंकर सरोज को मौका दिया है।

सुल्तानपुर लोकसभा सीट

यह सीट उत्तरप्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट में से एक है। इस सीट पर भाजपा ने गांधी परिवार की मौजूदा सांसद मेनका गांधी को कैंडिडेट बनाया है। उनके सामने सपा ने पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद को उतारा है। बसपा ने उदराज वर्मा पर दांव लगाया है। भाजपा और सपा में से केवल बसपा प्रत्याशी स्थानीय हैं।

फूलपुर लोकसभा सीट

इस सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद केसरी देवी पटेल को मौका ना देकर विधायक प्रवीण पटेल पर दांव लगाया है। जबकि, सपा ने अमरनाथ मौर्य को मैदान में उतारा है। बसपा के टिकट पर अमरनाथ मौर्य ने विधानसभा का चुनाव लड़ा था। इस बार बसपा की ओर से जगन्नाथ पाल को मौका दिया है।

प्रतापगढ़ लोकसभा सीट

भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद संगम लाल गुप्ता को मैदान में उतारा है। उनके सामने इंडिया गठबंधन ने एसपी सिंह पटेल पर दांव लगाया है। इस सीट पर बसपा ने वकील प्रथमेश मिश्रा पर भरोसा जताया है। प्रथमेश मिश्रा भाजपा प्रभारी प्रकाश मिश्र के बेटे हैं।

जौनपुर लोकसभा सीट

इस सीट पर भाजपा के टिकट पर पूर्व कृपाशंकर सिंह को मौका दिया है। सपा की बात करें तो पार्टी ने पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को मैदान में उतारा है। जबकि, बसपा ने मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव पर दांव लगाया है।

इलाहाबाद लोकसभा सीट

इस बार यहां से भाजपा ने मौजूदा सांसद रीता बहुगुणा जोशी का टिकट काटकर नीरज त्रिपाठी को मैदान में उतारा है। नीरज त्रिपाठी के पिता केसरी नाथ पूर्व राज्यपाल हैं। यहां से कांग्रेस ने इस सीट पर उज्जवल रमण सिंह को मौका दिया है। रमण सिंह के पिता रेवती रमण सिंह सपा नेता हैं। जबकि, बसपा ने रमेश पटेल पर भरोसा जताया है।

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