लोकसभा चुनाव 2024: 'चेहरे' नहीं पार्टी के 'निशान' पर जोर, धीरे-धीरे बदल रहा भाजपा का प्रचार और वोट खींचने का तरीका
- बदला बीजेपी के प्रचार का तरीका
- ‘चेहरे’ की जगह पार्टी के ‘निशान’ पर फोकस
- प्रचार वाहन से गांव-गांव सभाएं
सिवनी/बालाघाट से कपिल श्रीवास्तव। आश्चर्यजनक तरीके से बालाघाट लोकसभा सीट पर भाजपा का प्रचार का तरीका बदल गया है। पार्टी अब यहां ‘चेहरे’ के बजाय पार्टी के ‘निशान’ पर जोर देने लगी है। पहली झलक दिखी दो दिन पहले बालाघाट के उकवा में हुई मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सभा में दिखी। यहां मंच पर लगे होर्डिंग्स में राष्ट्रीय व प्रदेश के वरिष्ठ पार्टी नेताओं के तो फोटो लगे थे लेकिन उस पर भाजपा प्रत्याशी भारती पारधी का फोटो नहीं था।
इसी तरह से रविवार को सिवनी के शुक्रवारी में हुई पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा में भी दिखा। सभा स्थल पर लगे होर्डिंग्स व फ्लैक्स में भारती पारधी का फोटो तो लगा था लेकिन उनके चेहरे पर पार्टी के ‘निशान’ वाला झंडा चिपका दिया गया था। इसे लेकर भारती पारधी से जब सवाल किया तो उन्होंने इससे अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि, अपने जनसंपर्क के दौरान मैं उस दिन के और आज सिवनी में हुए कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाई थी, इसलिए संभवत: उनकी अनुपस्थिति के चलते ऐसा हुआ हो। थोड़ा रुक कर उन्होंने कहा, वैसे भी इसमें किसी को यूं ऐतराज नहीं होना चाहिए क्योंकि मेरा चेहरा और पहचान भाजपा और उसका ‘कमल’ निशान ही है।
लांजी में हुई बड़ी चूक
यह संयोग ही था कि नक्सल प्रभावित इलाके में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सभा में एक बार फिर पार्टी प्रत्याशी की अनदेखी हुई। रविवार को लांजी में हुई सभा के दौरान मुख्यमंत्री के मुुहं से भाजपा प्रत्याशी के रूप में भारती पारधी की जगह फग्गन सिंह कुलस्ते निकला। कुलस्ते मंडला सीट से पार्टी प्रत्याशी हैं।
चुनावी माहौल ज्यादा गरमाया
लोकसभा सीट अंतर्गत आने वाले बालाघाट के सभी 6 तथा सिवनी जिलेे के 2 विधानसभा क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धी चुनाव प्रचार अभियान की गति मंडला तथा होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र से ज्यादा दिखी। सिवनी जिले की सीमा पर बसे धूमा से लेकर लखनादौन, सिवनी, बरघाट, कटंगी, वारासिवनी, बालाघाट और तो और नक्सल प्रभावित परसवाड़ा और बैहर में भी अकेले भाजपा या कांग्रेस ही नहीं बल्कि निर्दलीय व तीसरी ताकत के रूप में चुनाव मैदान में डटी बसपा के प्रत्याशियों का जनसंपर्क तेजी से चल रहा है। घर, दुकान व प्रमुख चौराहों पर झंडे, बैनर तो ठीक सडक़ों के किनारे पेड़ों पर भी पार्टी प्रत्याशियों के पोस्टर्स व झंडे लगे दिखे।
प्रचार वाहन से गांव-गांव सभाएं
करीब चार सौ किलोमीटर वर्र्ग एरिया में फैले बालाघाट संसदीय क्षेत्र में हरेक तक अपनी बात पहुंचाने भाजपा तथा कांग्रेस के प्रत्याशियों ने नुक्कड़ सभाएं तो करना शुरू किया ही है, बड़ी संख्या में अपने प्रचार वाहनों को सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में भेजना शुरू कर दिया है। भाजपा इससे एक कदम आगे जा कर अब साप्ताहिक हाट-बाजारों में प्रचार वाहनों से सभा करना भी शुरू कर दिया है। इसमें स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा प्रचर वाहन के जरिए सभाएं की जा रही हैं और उसमें पार्टी प्रत्याशियों व वरिष्ठ नेताओं की ऑडियो स्पीच चलाई जा रही है।