कांग्रेस ने मणिपुर संकट पर अमित शाह की सर्वदलीय बैठक को देर से उठाया गया कदम कहा
सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि सबसे पहले, इतनी गंभीर बैठक से प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) की अनुपस्थिति उनकी विफलताओं का सामना करने में उनकी कमजोरी और अनिच्छा को दर्शाती है। उन्होंने कहा, जब कई प्रतिनिधिमंडलों ने उनसे मुलाकात की मांग की, तब भी उनके पास उनके लिए समय नहीं था। उन्होंने कहा, गृह मंत्री की मणिपुर की यात्रा के बाद से चीजें खराब हो गई हैं। क्या हम उनके नेतृत्व में वास्तविक शांति की उम्मीद कर सकते हैं?
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने कहा, शांति के लिए कोई भी प्रयास मणिपुर में होना चाहिए, जहां संघर्षरत समुदायों को चर्चा के लिए एक मेज पर लाया जाता और राजनीतिक समाधान निकाला जाता। वेणुगोपाल ने कहा, अगर यह प्रयास दिल्ली में बैठकर किया जाता है तो इसमें गंभीरता की कमी होगी। पूरे देश को केंद्र सरकार से गंभीर हस्तक्षेप की उम्मीद है, जो अब तक नहीं हुई है।
बुधवार को कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक वीडियो बयान में हिंसा प्रभावित मणिपुर में हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया और शांति की अपील की। गौरतलब है कि मणिपुर में 3 मई से हुई हिंसक झड़पों के बाद 100 से अधिक लोग मारे गए हैं और लगभग 50,000 लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। कांग्रेस इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठा रही है।
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