कांग्रेस ने सीएम केजरीवाल पर हमला करते हुए कहा, 'AAP-BJP एक हैं दोनों ही फेक हैं'
- केजरीवाल एक बाद एक विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं
- कांग्रेस पार्टी इस अध्यादेश को लेकर विचार कर रही है
डिजिटल डेस्क,दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा 19 मई को लाए गए अध्यादेश पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल विपक्ष को एकजुट करने में लगे हुए हैं। केजरीवाल एक बाद एक विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। वह पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और बिहार के सीएम नीतिश कुमार सहित कई नेताओं से इस मामले में मुलाकात कर चुके हैं। वहीं दूसरी ओर इस मामले में कांग्रेस की राय अलग नजर आ रही है।
जानकारी के मुताबिक इस मामले को देखते हुए ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार( 29 मई) को बैठक बुलाई है। लेकिन इसी बीच आम आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर शनिवार को कांग्रेस ने हमला करते हुए केजरीवाल पर सवाल उठाए। दिल्ली कांग्रेस ने अपने ट्वीटर अकाउंट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम केजरीवाल की फोटो शेयर करते हुए लिखा कि आप-बीजेपी एक है, दोनो ही फेक हैं। शेयर की गई तस्वीर में कांग्रेस ने मोदी सरकार की पहचान जुमला और भष्टाचार बताई तो वहीं केजरीवाल सरकार को हवाला और घोटाला की सरकार बताया है।
बता दें दिल्ली के सीएम केजरीवाल इस अध्यादेश को लेकर अब तक टीएमसी चीफ ममता बनर्जी, तेलंगाना के सीएम केसीआर, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और बिहार के सीएम नीतिश कुमार सहित कई नेताओं से मिले चुके हैं। मुलाकात के दौरान सभी नेताओं ने यह कहा है कि हम अध्यादेश के खिलाफ है और राज्यसभा में इसके खिलाफ वोटिंग करेंगे।
इसी मामले पर केजरीवाल ने मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलने के लिए समय मांगा था। जिसको लेकर केजरीवाल ने ट्वीट किया ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और राहुल गांधी से भाजपा सरकार के अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक अध्यादेश के खिलाफ संसद में कांग्रेस का समर्थन हासिल करने और संघीय ढांचे पर हमले तथा मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए मुलाकात का वक्त मांगा है।'' सूत्रों की मानें तो कांग्रेस पार्टी इस अध्यादेश को लेकर विचार कर रही है कि इस मामले पर केजरीवाल का समर्थन करना है या नहीं।
क्या है मामला?
दरअसल हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली के अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर का अधिकार केजरीवाल सरकार के पास है। इसके बाद केंद्र सरकार 19 मई को अध्यादेश लेकर आई है जिसे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना बताया है।