अन्य खेल: 'बेदाग' रहा उसैन बोल्ट का पूरा करियर, चीते जैसी रफ्तार देख हर कोई रह जाता था दंग

100 मीटर की दौड़ हमेशा से ही ट्रैक और फील्ड में स्पीड और एथलेटिक स्किल का निर्णायक परीक्षण रही है। 100 मीटर का विश्व रिकॉर्ड रखने वाले तेज-तर्रार एथलीट को 'दुनिया के सबसे तेज व्यक्ति' के रूप में पहचाने जाने का सम्मान मिलता है। वर्तमान में 100 मीटर का विश्व रिकॉर्ड 2009 से कायम है, जब जमैका के सुपरस्टार उसैन बोल्ट ने बर्लिन विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 9.58 सेकंड के समय में यह दौड़ लगाकर इतिहास रचा था।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-21 03:30 GMT

नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। 100 मीटर की दौड़ हमेशा से ही ट्रैक और फील्ड में स्पीड और एथलेटिक स्किल का निर्णायक परीक्षण रही है। 100 मीटर का विश्व रिकॉर्ड रखने वाले तेज-तर्रार एथलीट को 'दुनिया के सबसे तेज व्यक्ति' के रूप में पहचाने जाने का सम्मान मिलता है। वर्तमान में 100 मीटर का विश्व रिकॉर्ड 2009 से कायम है, जब जमैका के सुपरस्टार उसैन बोल्ट ने बर्लिन विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 9.58 सेकंड के समय में यह दौड़ लगाकर इतिहास रचा था।

21 अगस्त 1986 को जन्मे उसैन बोल्ट आज अपना 38वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर उनसे जुड़े कुछ दिलचस्प रिकॉर्ड, किस्से और उनके करियर पर एक नजर डालते हैं।

11 बार के विश्व चैंपियन का जन्म जमैका के ट्रेलानी में हुआ था और उन्होंने अपने नाम के अनुरूप ही शुरुआत से ही बिजली की गति का प्रदर्शन किया। ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में बोल्ट की दौड़ देखने के लिए स्टेडियम उनके फैंस से खचाखच भरा रहता था। फर्राटा धावक अक्सर डोपिंग केस में लिप्त पाए जाते हैं, लेकिन बोल्ट का पूरा करियर बेदाग रहा।

बोल्ट ने 2004 के एथेंस ओलंपिक में डेब्यू किया था, लेकिन चार साल बाद बीजिंग में उन्होंने ओलंपिक में चमत्कारी सफलता हासिल की थी। जहां उन्होंने 100 मीटर, 200 मीटर और 4x100 मीटर रिले में जीत हासिल की। जब वह 100 मीटर रेस में दौड़ते थे तो उनकी रफ्तार इतनी तेज होती थी कि वह अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी से लगभग 1 मीटर आगे रहते थे।

उन्होंने लंदन 2012 और रियो 2016 खेलों में ओलंपिक 'ट्रिपल' जीत को दोहराया, ऐसा करने वाले पहले ओलंपियन बने। बोल्ट लगातार तीन ओलंपिक में 100 मीटर और 200 मीटर जीतने वाले एकमात्र एथलीट भी हैं।

जीतने के बाद उनका जश्न मनाने का अंदाज निराला होता था। उसैन बोल्ट का प्रसिद्ध "टू डि वर्ल्ड" पोज पहली बार 2008 बीजिंग ओलंपिक में फेमस हुआ। दिग्गज धावक ने अपने शानदार करियर के दौरान 9 स्वर्ण पदक जीते, लेकिन अपने साथी नेस्टर कार्टर के डोपिंग उल्लंघन के कारण उन्हें बीजिंग 2008 के लिए अपना 4x100 मीटर पदक गंवाना पड़ा।

विश्व के दिग्गज धावक उसैन बोल्ट हमेशा डोपिंग के खिलाफ रहे। उनका कहना था कि डोपिंग से एथलेटिक्स का खेल समाप्त हो जाएगा। उन्होंने अपने बयान में कहा था, "खिलाड़ियों में यह समझ होनी चाहिए कि अगर आपने कुछ गलत किया होगा, तो आप पकड़े जाएंगे। हालांकि, पिछले कुछ साल में डोपिंग को रोकने के लिए अच्छा काम किया जा रहा है। अब यह चीजें साफ हो रही हैं। आने वाले समय में खेल जगत में और भी सुधार होगा।"

बोल्ट ने 2017 में खेल से संन्यास ले लिया था, लेकिन उनका दबदबा अभी भी रिकॉर्ड बुक में दर्ज है। उनके नाम पुरुषों की 100 मीटर (9.58 सेकंड) और 200 मीटर (19.19 सेकंड) स्प्रिंट के लिए विश्व रिकॉर्ड है। वह जमैका की उस टीम का भी हिस्सा थे, जिसके पास 4x100 मीटर रिले का विश्व रिकॉर्ड है, जिसमें योहान ब्लेक, नेस्टा कार्टर और माइकल फ्रेटर भी शामिल थे। चारों ने 2012 लंदन ओलंपिक में 36.84 सेकंड का रिकॉर्ड बनाया था।

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