शिक्षा: बिहार में हर माह सम्मानित होंगे शिक्षक और प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएं

बिहार शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने हर महीने प्रत्येक प्रखंड से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले किसी एक शिक्षक और एक प्रतिभाशाली छात्र या छात्रा को सम्मानित करने का फैसला लिया है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-08 09:37 GMT

पटना, 8 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने हर महीने प्रत्येक प्रखंड से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले किसी एक शिक्षक और एक प्रतिभाशाली छात्र या छात्रा को सम्मानित करने का फैसला लिया है।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने गुरुवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को एक पत्र भेजकर स्कूलों में शिक्षकों के दायित्वों और भूमिका को लेकर निर्देश जारी किया। उन्होंने जहां शिक्षकों को उनके कर्तव्यों को बताया है, तो वहीं छात्रों की संख्या बढ़ाने को लेकर भी आवश्यक पहल करने की सलाह दी है।

उन्होंने पत्र में कहा कि स्कूलों में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसमें शिक्षक ही बच्चों के समग्र विकास की सकारात्मक दिशा प्रदान करता है और छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धि के साथ-साथ उन्हें सामाजिक एवं भावनात्मक व्यवहार सिखाकर श्रेष्ठ नागरिक बनाता है। यह आवश्यक है शिक्षक अपने स्कूल और छात्रों के हित में अपने कर्तव्यों का निर्वहन दृढ़तापूर्वक करें। पत्र में शिक्षकों की मार्गदर्शिका के जरिए एस सिद्धार्थ ने शिक्षकों की भूमिका और दायित्वों को छात्र स्वरूप, विद्यालय प्रबंधन, कक्षा प्रबंधन, छात्र प्रबंधन और अभिभावक प्रबंधन की बात कही है।

उन्होंने शिक्षकों को छात्रों के बीच अनुशासन व्यवस्थित रखने की सलाह दी। पत्र में कहा गया है कि सभी शिक्षक अनिवार्य रूप से शिक्षा संस्थानों में छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण को पूरा करें। शिक्षकों को चेतावनी भी दी गई कि किसी भी विद्यालय में अप्रशिक्षित शिक्षक के पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षकों को यह भी निर्देश दिया गया है कि कोई छात्र अगर तीन दिन से ज्यादा अनुपस्थित रहता है तो उसके अभिभावक से दूरभाष के माध्यम से या छात्र के घर जाकर अभिभावक से बात की जाए। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए बच्चों को विद्यालय नहीं भेजने के पक्ष वाले अभिभावकों को समझाने का प्रयास करें कि उनके बच्चों के जीवन में विद्यालयी शिक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।

पत्र के अंत में लिखा गया है कि प्रत्येक प्रखंड से प्रतिमाह सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले किसी एक शिक्षक, एक प्रतिभाशाली छात्र या छात्रा का चयन कर अपर मुख्य सचिव या प्रधान सचिव, शिक्षा विभाग द्वारा सम्मानित किया जाएगा।

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