राजनीति: भाजपा के साथ नजदीकी को उद्धव ठाकरे ने किया खारिज, फडणवीस के साथ लिफ्ट की यात्रा को बताया संयोग
शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि महायुति के सहयोगी और भारतीय जनता पार्टी के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ उनकी 'लिफ्ट-राइड' मात्र संयोग थी, इससे अधिक कुछ नहीं।
मुंबई, 27 जून (आईएएनएस)। शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि महायुति के सहयोगी और भारतीय जनता पार्टी के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ उनकी 'लिफ्ट-राइड' मात्र संयोग थी, इससे अधिक कुछ नहीं।
दोनों नेताओं के लिफ्ट में एक साथ यात्रा को लेकर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के सदस्यों व दूसरे लोगों के बीच शुरू हुई अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए, ठाकरे ने फिल्म 'जब जब फूल खिले' (1965) के एक लोकप्रिय गीत का हवाला दिया और कहा, "... 'ना, ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे'...भाजपा के साथ ऐसा कुछ नहीं होने वाला है...आप निश्चिंत रहें।"
लिफ्ट में दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत को लेकर लगाए जा रहे कयास के बीच ठाकरे ने मजाकिया अंदाज में कहा, "ऐसा कहा जाता है कि दीवारों के कान होते हैं, इसलिए अब से कोई भी गुप्त बातचीत केवल लिफ्ट में ही होनी चाहिए!"
भाजपा मंत्री चंद्रकांत पाटिल के विधान भवन में एसएस (यूबीटी) कार्यालय में एक बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचने पर जब पत्रकारों ने ठाकरे से सवाल किया कि किसने किसे आंख मारी, तो ठाकरे ने इसेे खारिज करते हुए कहा," कल से मैं चश्मा पहनूंगा।"
हंसी मजाक बीच संसदीय मामलों और उच्च शिक्षा मंत्री पाटिल ने ठाकरे को चॉकलेट का एक पैकेट भेंट किया, जबकि विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने 'पेड़े' का एक डिब्बा निकाला और मंत्री पाटिल को यह कहते हुए पेश किया कि यह लोकसभा चुनावों में हमारी जीत के लिए है।
बाद में ठाकरे ने पाटिल पर निशाना साधते हुए कहा कि लड़कियों के लिए मुफ्त उच्च शिक्षा की तरह, भाजपा मंत्री (पाटिल) को 'मुफ्त चॉकलेट' बांटना बंद कर देना चाहिए, क्योंकि राज्य के लोग महायुति सरकार से थक चुके हैं।
इस समय चल रहे विधानमंडल सत्र को "महायुति सरकार का विदाई सत्र" बताते हुए ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा और याद दिलाया कि उनकी सरकार ने वादा किया था कि राज्य में किसानों की आत्महत्याएं नहीं होंगी। ठाकरे ने पूछा, क्या किसानों की आत्महत्याएं रुक गईं हैं?"
पूर्व मुख्यमंत्री ने विपक्षी एमवीए की मांगों को दोहराया कि अक्टूबर में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में किसानों के कर्जे को माफ किया जाए व सूखे से निपटने के लिए कदम उठाए जाएं।
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