स्वास्थ्य/चिकित्सा: वैश्विक तापमान में वृद्धि से एथलीटों में हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ा शोध

ग्लोबल वार्मिंग के कारण हुई वैश्विक तापमान में वृद्धि का असर यह है कि हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है, जो विशेष रूप से टेनिस जैसे प्रतिस्पर्धी खेलों में भाग लेने वाले एथलीटों के लिए अधिक परेशान करने वाला है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-07 10:35 GMT

नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)। ग्लोबल वार्मिंग के कारण हुई वैश्विक तापमान में वृद्धि का असर यह है कि हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है, जो विशेष रूप से टेनिस जैसे प्रतिस्पर्धी खेलों में भाग लेने वाले एथलीटों के लिए अधिक परेशान करने वाला है।

टेनिस में प्रसिद्ध बिग 3 ट्रायमविरेट के सदस्य राफेल नडाल इस वास्तविकता का एक उल्लेखनीय उदाहरण हैं, जब उन्हें 2022 में ऑस्ट्रेलियन ओपन सेमीफाइनल के दौरान हीट स्ट्रोक का सामना करना पड़ा था, जिससे उनका 4 किलोग्राम वजन कम हो गया था।

टेनिस मैच सख्त, घास और मिट्टी के कोर्ट पर खेले जाते हैं।

अध्ययनों से पता चलता है कि गर्मी का भार सतह के आधार पर भिन्न होता है, जिससे अलग-अलग सूक्ष्म जलवायु वातावरण बनते हैं।

वेट-बल्ब ग्लोब तापमान सूचकांक (डब्ल्यूबीजीटी) का उपयोग खेलों में थर्मल वातावरण का आंकलन करने के लिए किया जाता है।

टेनिस कोर्ट के बीच डब्ल्यूबीजीटी अंतर पर पिछले अध्ययनों में समय को लेकर कुछ सीमाएं थीं।

इन मुद्दों पर विचार करते हुए दोशीशा विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य और खेल विज्ञान स्नातकोत्तर स्कूल के पीएचडी छात्र हिरोकी यामागुची और प्रोफेसर कोजीरो इशी के नेतृत्व में जापान की एक टीम ने डब्ल्यूबीजीटी मीटर का उपयोग करके विभिन्न टेनिस कोर्ट के तापमान की जांच की।

यामागुची बताते हैं, "प्रतिस्पर्धी एथलीटों में गैर-दर्दनाक मौत का दूसरा सबसे आम कारण व्यायाम के दौरान होने वाला हीट स्ट्रोक है। एक टेनिस खिलाड़ी के रूप में मैंने मैचों के दौरान हीट स्ट्रोक का अनुभव किया है। विभिन्न टेनिस कोर्ट में गर्मी की स्थिति की जांच करने से व्यायाम संबंधी दिशा-निर्देशों की जानकारी मिल सकती है और खेलों में प्रभावी हीट प्रबंधन में योगदान मिल सकता है।"

टीम ने 1 जून से 21 सितंबर, 2022 तक कोर्ट पर डब्ल्यूबीजीटी को मापा।

डब्ल्यूबीजीटी केवल पर्यावरणीय ताप जोखिम को मापता है, इसलिए भविष्य के हीट सुरक्षा दिशा-निर्देशों में प्रीडिक्टेड हीट स्ट्रेन जैसे बॉडी हीट बैलेंस मॉडल के उपयोग की आवश्यकता होगी, जो हीट जोखिम को मात्रात्मक रूप से मापते हैं।

-आईएएनएस

एमकेएस/जीकेटी

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