आपदा: वायनाड में राहव व बचाव प्रयास तेज, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर व आईसीजी जहाज ‘अभिनव’ की तैनाती
केरल के वायनाड में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का सिलसिला जारी है। उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) को भी राहत एवं बचाव कार्यों के लिए तैनात किया जा रहा है। वहीं जमीनी प्रयासों को मजबूत करने के लिए, कालीकट के तटरक्षक वायु एन्क्लेव से एक उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर (एएलएच) बचाव कार्यों में सहायता और हवाई मार्ग से राहत सामग्री को गिराने के लिए तैयार है। इसके अतिरिक्त, भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) का जहाज ‘अभिनव’ कोच्चि से बेपोर के रास्ते पर है, जो वायनाड में आपदा राहत शिविरों में वितरण के लिए जीवन रक्षक उपकरण, राहत सामग्री, दवाइयां और ताजा पानी लेकर जा रहा है।
नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। केरल के वायनाड में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का सिलसिला जारी है। उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) को भी राहत एवं बचाव कार्यों के लिए तैनात किया जा रहा है। वहीं जमीनी प्रयासों को मजबूत करने के लिए, कालीकट के तटरक्षक वायु एन्क्लेव से एक उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर (एएलएच) बचाव कार्यों में सहायता और हवाई मार्ग से राहत सामग्री को गिराने के लिए तैयार है। इसके अतिरिक्त, भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) का जहाज ‘अभिनव’ कोच्चि से बेपोर के रास्ते पर है, जो वायनाड में आपदा राहत शिविरों में वितरण के लिए जीवन रक्षक उपकरण, राहत सामग्री, दवाइयां और ताजा पानी लेकर जा रहा है।
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) जिला मुख्यालय (केरल और माहे) और आईसीजी स्टेशन बेपोर केरल के वायनाड में चल रहे आपदा राहत प्रयासों में शामिल है। डिप्टी कमांडेंट विवेक कुमार दीक्षित के नेतृत्व में 35 आईसीजी कर्मचारियों का एक दल 30 जुलाई से चूरलमाला और आसपास के गांवों में बचाव अभियान चला रहा है। दल ने आपदा क्षेत्रों में फंसे कई नागरिकों की मदद की है और साथ ही, उन्हें सुरक्षित क्षेत्रों और राहत शिविरों में स्थानांतरित करने में सहायता की है। वे जीवित बचे लोगों और लापता लोगों की तलाश में मलबा हटाने और घायलों को तत्काल प्राथमिक उपचार प्रदान करने में भी लगे हुए हैं।
इस समन्वित अभियान में राज्य प्रशासन, भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), अग्निशमन और बचाव सेवाएं, स्थानीय पुलिस और विभिन्न स्वयंसेवी समूह शामिल हैं। भारतीय वायुसेना के परिवहन विमान ने भी वायनाड में महत्वपूर्ण रसद आपूर्ति के साथ-साथ निकासी कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वायनाड में हुए विनाशकारी भूस्खलन में 175 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यहां सी-17 विमानों ने बचाव सहायता कार्यों के लिए बेली ब्रिज, डॉग स्क्वॉड, चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक उपकरणों जैसे 53 मीट्रिक टन आवश्यक साजो-सामान की आपूर्ति की है।
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