राजनीति: महाकुंभ 2025 स्वच्छता और सुविधा को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने निर्धारित किए मानक
महाकुंभ 2025 को स्वच्छ महाकुंभ के रूप में स्थापित करने के लिए योगी सरकार पूरी तत्परता से कार्य कर रही है। इसका उद्देश्य यही है कि महाकुंभ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को साफ-सुथरे टॉयलेट्स, यूरिनल पॉट्स की सुविधा प्रदान की जा सके, ताकि वो यहां से एक यादगार अनुभव लेकर वापस लौटें। इसके लिए मेला प्रशासन की ओर से गाइडलाइंस जारी की गई हैं।
प्रयागराज, 18 नवंबर (आईएएनएस)। महाकुंभ 2025 को स्वच्छ महाकुंभ के रूप में स्थापित करने के लिए योगी सरकार पूरी तत्परता से कार्य कर रही है। इसका उद्देश्य यही है कि महाकुंभ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को साफ-सुथरे टॉयलेट्स, यूरिनल पॉट्स की सुविधा प्रदान की जा सके, ताकि वो यहां से एक यादगार अनुभव लेकर वापस लौटें। इसके लिए मेला प्रशासन की ओर से गाइडलाइंस जारी की गई हैं।
इसके अनुसार, शौचालयों की साफ-सफाई पर फोकस रहेगा। साथ ही, मैनपावर की कमी न हो इसका भी ध्यान रखा जाएगा। सभी वेंडर्स को सुनिश्चित करना होगा कि निर्धारित मानकों के अनुरूप 10 शौचालयों पर एक सफाई कर्मी तैनात किया जाए, जबकि 10 सफाईकर्मियों पर एक सुपरवाइजर नियुक्त किया जाएगा। इसी तरह, 20 यूरिनल्स पर एक सफाईकर्मी और 20 सफाईकर्मियों पर एक सुपरवाइजर तैनात रहेगा।
विशेष कार्याधिकारी महाकुंभ मेला आकांक्षा राना के अनुसार, मेला क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालयों और स्वच्छता सुविधाओं की बेहतर देखरेख के लिए जनशक्ति तैनाती पर मेला प्रशासन की ओर से कुछ मानक निर्धारित किए गए हैं, जिन्हें हर हाल में वेंडर्स को सुनिश्चित करना होगा। इन नए मानकों का उद्देश्य सार्वजनिक स्वच्छता को उन्नत करना और श्रद्धालुओं व पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है। इसके तहत, 10 शौचालयों पर 1 सफाईकर्मी, 10 सफाईकर्मियों पर 1 सुपरवाइजर, 20 यूरिनल्स पर 1 सफाईकर्मी और 20 सफाईकर्मियों पर एक सुपरवाइजर की नियुक्ति अनिवार्य होगी। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सफाईकर्मी सफाई करते समय दस्ताने और जूते जैसे व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) अवश्य पहने हों। इसके माध्यम से सफाई के साथ-साथ सफाईकर्मियों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जाएगा।
निर्धारित मानकों के अनुसार, शौचालय, वॉश बेसिन, फर्श और टाइलों को दाग और गंदगी मुक्त रखा जाएगा। टॉयलेट पेपर, साबुन डिस्पेंसर, हैंड सैनेटाइजर और महिला स्वच्छता उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही, फ्लश सिस्टम, नल और शॉवर बिना किसी रिसाव के सही तरीके से क्रियाशील होने चाहिए। साथ ही, गंध नियंत्रण तकनीक का उपयोग करते हुए शौचालय की दुर्गंध को 10-15 मिनट में हटाने और कचरे को 24 घंटे में विघटित करने की व्यवस्था लागू होगी। इससे बार-बार उपयोग होने के बावजूद गंध या गंदगी से निजात मिल सकेगी और बिना किसी हिचकिचाहट के लोग इसका उपयोग कर सकेंगे।
प्रमुख स्नान पर्व पर भी यह व्यवस्था पूरी तत्परता से लागू रहेगी, जिससे अत्यधिक भीड़ के बावजूद किसी तरह की कोई समस्या उत्पन्न नहीं होगी।
शौचालय इकाइयों में उपयुक्त प्रकाश व्यवस्था अनिवार्यता के साथ लागू की जाएगी। साथ ही, गड्ढे, दरारें या कंक्रीट जोड़ों, विद्युत फिटिंग्स, और साइनेज में किसी भी प्रकार की क्षति का समय पर समाधान किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शौचालय सुविधाएं आसानी से सुलभ स्थानों पर उपलब्ध हों। हर 10 शौचालयों में से कम से कम 1 शौचालय को दिव्यांगों के लिए सुलभ बनाया जाएगा।
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|