अधिकार: एनएसीटीए ने पीटीआई विरोध मार्च पर संभावित आतंकवादी हमले की चेतावनी दी

राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण (एनएसीटीए) ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के विरोध मार्च को निशाना बनाकर संभावित आतंकवादी हमले की चेतावनी दी है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-24 05:25 GMT

इस्लामाबाद, 24 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण (एनएसीटीए) ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के विरोध मार्च को निशाना बनाकर संभावित आतंकवादी हमले की चेतावनी दी है।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को जारी किया गया एक अलर्ट, जो शनिवार को मीडिया में सामने आई, में कई स्रोतों से मिली जानकारी का हवाला दिया गया है। इसमें बताया गया कि प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादी अफगानिस्तान से पाकिस्तान में प्रवेश कर चुके हैं और प्रमुख शहरों में घुसपैठ कर चुके हैं।

एनएसीटीए ने समूह की पहचान फितना अल-खवारिज के रूप में की है, जिसे पहले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के नाम से जाना जाता था। यह आतंकवादी कथित तौर पर 19-20 नवंबर की रात को पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के जरिए पाकिस्तान में घुसे थे।

प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि आतंकवादी पीटीआई की सार्वजनिक सभा को हमले के अवसर के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

जवाब में, राजधानी भर में सुरक्षा उपायों को काफी मजबूत किया गया है, अधिकारियों को सतर्क रहने और किसी भी संभावित खतरे से सुरक्षित रहने के निर्देश दिए गए हैं।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले शनिवार को गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने पीटीआई के अध्यक्ष बैरिस्टर गौहर से संपर्क किया था। इस दौरान उन्होंने यह सूचित किया था कि सरकार उच्च-स्तरीय बेलारूसी प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दौरान इस्लामाबाद में किसी भी तरह के धरना या रैलियों की अनुमति नहीं देगी।

नकवी ने सुरक्षा चिंताओं को इस निर्णय का कारण बताया।

बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल 24 से 27 नवंबर तक दौरा करने वाले हैं।

24 नवंबर को पीटीआई के विरोध-प्रदर्शन से पहले सरकार ने तीन दिनों के लिए पंजाब भर में धारा 144 लागू करते हुए इस्लामाबाद में हजारों सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया। अधिकारियों ने श्रीनगर हाईवे, जीटी रोड और इस्लामाबाद एयरपोर्ट से जुड़ने वाले रेड जोन की ओर जाने वाले प्रमुख मार्गों को सील कर दिया है।

कई प्रवेश बिंदुओं पर कंटेनर रखे गए हैं, जबकि रेंजर्स, पुलिस और फ्रंटियर कोर के कर्मियों को संवेदनशील स्थानों, खासकर डी-चौक के आसपास तैनात किया गया है।

अन्य एहतियाती उपायों में इस्लामाबाद, खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब में इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं का आंशिक निलंबन शामिल है। इस्लामाबाद और रावलपिंडी में मेट्रो बस सेवाओं जैसे सार्वजनिक परिवहन को रोक दिया गया है।

इसके अलावा, विरोध-प्रदर्शन और हाई-प्रोफाइल यात्रा के दौरान सुरक्षा भंग होने से बचाने के लिए फैजाबाद के सभी बस टर्मिनलों पर बैरिकेडिंग की गई है।

सुरक्षा बढ़ाए जाने से सरकार की चिंता स्पष्ट होती है, जैसे कि संभावित आतंकवादी खतरा और राजधानी में बढ़ते तनाव के बीच सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना।

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