अंतरराष्ट्रीय: पाकिस्तान में इंटरनेट की धीमी रफ्तार, शरीफ सरकार नाराज इंटरनेट यूजर्स

पाकिस्तान में इंटरनेट की बेहद धीमी गति और बार-बार आ रही रुकावटों को लेकर जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जनता के गुस्से का एक बड़ा कारण वो फायरवॉल हैं जो शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से कथित तौर पर सोशल मीडिया पर राज्य विरोधी कंटेंटे की निगरानी के लिए स्थापित किए हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-12-02 12:56 GMT

इस्लामाबाद, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान में इंटरनेट की बेहद धीमी गति और बार-बार आ रही रुकावटों को लेकर जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जनता के गुस्से का एक बड़ा कारण वो फायरवॉल हैं जो शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से कथित तौर पर सोशल मीडिया पर राज्य विरोधी कंटेंटे की निगरानी के लिए स्थापित किए हैं।

सरकार ने पिछले सप्ताह विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेतृत्व में सरकार विरोधी अभियान और विरोध प्रदर्शनों के बीच यह कदम उठाया था।

इंटरनेट और डाडा कनेक्टिविटी की लगातार धीमी स्पीड ने यूजर्स के लिए सोशल मीडिया एप्लिकेशन पर मैसेज, फोटो, वीडियो या वॉयस नोट्स भेजना और प्राप्त करना लगभग असंभव बना दिया है।

हालांकि, पाकिस्तान की संघीय इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और टेलीकॉम राज्य मंत्री शाजा फतिमा ने दावा किया कि स्थिति नियंत्रण में है और इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय पूरे देश में बिना रुकावट इंटरनेट सुनिश्चित करने के लिए 'कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।'

फातिमा ने कहा, "सरकार आईटी और टेलीकॉम इंडस्ट्री की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, हम मौजूदा प्रणालियों को अपडेट कर रहे हैं और प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसमें टावर इंटेंसिटी बढ़ाना, ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंच को व्यापक बनाना शामिल है।"

मंत्री ने कहा, "सरकार नागरिकों के लिए सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण सुनिश्चित करने के लिए साइबर सुरक्षा संबंधी चिंताओं से भी निपट रही है।"

फातिमा ने कहा, "पाकिस्तान को रोज लाखों साइबर हमलों का सामना करना पड़ता है, जिससे आतंकवादी गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल होता जा रहा है। किसी देश का अपनी साइबर सुरक्षा को लेकर चिंतित होने में कुछ भी विवादास्पद नहीं है। पूरी दुनिया अलग-अलग साइबर सुरक्षा तंत्रों का उपयोग करती है।"

फातिमा ने सभी बिजनेस यूजर्स, फ्रीलांसरों और अन्य लोगों से वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) तक बिना रुकावट पहुंच प्राप्त करने के लिए अपने आईपी को रजिस्टर कराने की अपील की।

सरकार ने दावा किया कि वह इस्लामाबाद और सैन्य प्रतिष्ठान के खिलाफ कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए प्रसारित की जा रही फर्जी खबरों, गलत सूचनाओं और गलत प्रचार पर अंकुश लगाना चाहती है।

पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पीटीआई सरकार और सैन्य प्रतिष्ठान के खिलाफ अपने गुस्से को व्यक्त करने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का इस्तेमाल कर रही है।

रविवार को, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने सुरक्षा बलों, स्टेट और सैन्य प्रतिष्ठान के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अभियानों से निपटने के लिए 10-सदस्यीय टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की।

टास्क फोर्स का लक्ष्य झूठी और फर्जी खबरें बनाने वाले संगठनों और व्यक्तियों की पहचान करना, उन्हें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रैक करना और देश के कानून के अनुसार उन्हें जवाबदेह ठहराना है।

हालांकि, देश में इंटरनेट यूजर्स, सरकार के दावों से सहमत नहीं हैं।

कराची में एक आईटी पेशेवर खुर्रम अली ने कहा, "मुझे नहीं पता कि सरकार क्या सोच रही है और क्यों वह इस तथ्य से पूरी तरह अनभिज्ञ है कि फायरवॉल और इंटरनेट सुरक्षा उपाय लगाने से सभी क्षेत्रों के लोगों को भारी नुकसान हो रहा है।"

खुर्रम अली ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के साथ काम करने वाली आईटी कंपनियों से लेकर सड़क पर डिलीवरी करने वाले तक, सभी को काम और संचार को मैनेज करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इंटरनेट में रुकावट के कारण कंपनियां अपने ग्राहकों को खो रही हैं।"

आईटी एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि इंटरनेट कनेक्शन में अनियमितता देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही है, जिसका सीधा असर आईटी और टेलीकॉम जैसे क्षेत्रों पर पड़ रहा है।

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