राजनीति: भारत का प्रगति प्लेटफॉर्म वैश्विक लीडर्स को आईना, कैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर के जरिए विकास को आगे बढ़ाए ऑक्सफोर्ड स्टडी

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के मुताबिक, 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया भारत का प्रगति प्लेटफॉर्म रुके हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को तेजी से पूरा करने के लिए ट्रैक करने में सफल रहा है। यह ग्लोबल लीडर्स के लिए सबक है कि कैसे एक राष्ट्र अपनी प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-12-02 14:56 GMT

नई दिल्ली, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के मुताबिक, 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया भारत का प्रगति प्लेटफॉर्म रुके हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को तेजी से पूरा करने के लिए ट्रैक करने में सफल रहा है। यह ग्लोबल लीडर्स के लिए सबक है कि कैसे एक राष्ट्र अपनी प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

"ग्रिडलॉक से ग्रोथ तक- कैसे नेतृत्व ने भारत के प्रगति इकोसिस्टम के जरिए विकास को शक्ति प्रदान की" शीर्षक वाली रिपोर्ट को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सैड बिजनेस स्कूल के सौमित्र दत्ता और मुकुल पडन्या द्वारा तैयार किया गया है।

स्टडी में कहा गया कि बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में तेजी लाने का भारत का अनुभव उन वैश्विक नेताओं के लिए सबक हो सकता है जो आर्थिक विकास के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को गेम चेंजर बनाना चाहते हैं।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में कहा गया कि जून 2023 के अंत तक भारत ने कुछ सबसे चुनौतीपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर और सामाजिक विकास प्रोजेक्ट से निपटने के दौरान प्रगति प्लेटफॉर्म के जरिए 17.05 लाख करोड़ रुपये (205 अरब डॉलर) की 340 प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की थी। साथ ही नौकरशाही बाधाओं को तोड़ते हुए देरी को हल किया और सहकारी संघवाद को बढ़ावा दिया।

7 चैप्टर्स में विभाजित 54 पेजों की रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि कैसे पीएम मोदी और उनकी टीम शासन और प्रशासन (खासकर बड़ी परियोजनाओं से संबंधित) में सुधार के लिए एक प्रणाली लेकर आए।

रिपोर्ट में प्रगति प्लेटफॉर्म के व्यापक आर्थिक प्रभाव पर भी जोर दिया गया है।

भारतीय रिजर्व बैंक और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी के अध्ययन का अनुमान है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए गए प्रत्येक रुपये से 2.5 से 3.5 रुपये का जीडीपी रिटर्न मिलता है। इस प्लेटफॉर्म ने प्रोजेक्ट्स में तेजी लाकर लागत वृद्धि को कम किया है और यह सुनिश्चित किया है कि आर्थिक लाभ जल्द प्राप्त हों।

सड़कों, रेलवे और हवाई अड्डों के माध्यम से बेहतर कनेक्टिविटी ने लाखों लोगों के लिए शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच का विस्तार किया है।

स्टडी में देश भर में कुल 340 प्रगति इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में से आठ में गहनता से विकास की जांच की गई है। इसमें चार रेल परियोजनाएं शामिल हैं :-

• असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर बोगीबील रेल और सड़क पुल।

• जम्मू और कश्मीर में जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक।

• कर्नाटक में बेंगलुरु मेट्रो रेल परियोजना।

• ओडिशा में पारादीप बंदरगाह के लिए हरिदासपुर-पारादीप रेल कनेक्शन।

दो सड़क परियोजनाएं :-

• महाराष्ट्र और गुजरात में राष्ट्रीय राजमार्ग 8 का दहिसर-सूरत खंड।

• राष्ट्रीय राजमार्ग 2 का वाराणसी-औरंगाबाद खंड जो यूपी को बिहार से जोड़ता है।

इसके अलावा इन आठ प्रोजेक्ट्स में झारखंड का उत्तरी करणपुरा थर्मल पावर प्लांट और महाराष्ट्र में नवी मुंबई हवाई अड्डा शामिल हैं।

यह आठ प्रोजेक्ट्स भारत के विशाल भूभाग पर प्रगति के प्रभाव की व्यापकता और गहराई को दर्शाते हैं। प्रोजेक्ट्स उत्तर में जम्मू-कश्मीर से लेकर दक्षिण में कर्नाटक तक एक व्यापक भौगोलिक क्षेत्र को कवर करते हैं, जिसमें सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय सिस्टम की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।

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