रिजर्व बैंक ने फिनटेक क्षेत्र के स्व-नियामक संगठनों के लिए मसौदा रूपरेखा जारी किया

मुंबई, 15 जनवरी (आईएएनएस)। आरबीआई ने सोमवार को 'फिनटेक सेक्टर के लिए स्व-नियामक संगठनों (एसआरओ) को मान्यता देने के लिए एक मसौदा ढांचा' जारी किया, जिसमें फिनटेक एसआरओ की विशेषताओं को बताया गया है। इसमें आवश्यक कार्य और शासन मानक भी शामिल हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-15 12:33 GMT

मुंबई, 15 जनवरी (आईएएनएस)। आरबीआई ने सोमवार को 'फिनटेक सेक्टर के लिए स्व-नियामक संगठनों (एसआरओ) को मान्यता देने के लिए एक मसौदा ढांचा' जारी किया, जिसमें फिनटेक एसआरओ की विशेषताओं को बताया गया है। इसमें आवश्यक कार्य और शासन मानक भी शामिल हैं।

प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके, पहुंच में सुधार करके और लागत कम करके फिनटेक वित्तीय सेवाओं के परिदृश्य को नया आकार दे रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि उद्योग द्वारा नवाचार की सुविधा के बीच एक स्वस्थ संतुलन हासिल करना और उपभोक्ताओं की सुरक्षा तथा जोखिम को नियंत्रित करने वाले तरीके से नियामक प्राथमिकताओं को पूरा करना, फिनटेक क्षेत्र के योगदान को अनुकूलित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

केंद्रीय बैंक ने कहा, "वांछित संतुलन हासिल करने के लिए फिनटेक सेक्टर के भीतर स्व-नियमन एक पसंदीदा तरीका है।"

आरबीआई के मसौदा ढांचे के अनुसार, एसआरओ-एफटी को अपनी सदस्यता से ताकत मिलेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि यह वास्तव में फिनटेक क्षेत्र का प्रतिनिधि है। उद्योग के खिलाड़ियों के व्यापक स्पेक्ट्रम को शामिल करने वाले व्यापक सदस्यता समझौतों के माध्यम से, एसआरओ-एफटी को न केवल आधारभूत मानकों और आचरण संहिता के नियमों को तैयार करने के लिए वैधता और विश्वसनीयता हासिल करनी चाहिए, बल्कि प्रभावी ढंग से उनकी निगरानी कर उन्हें लागू भी करना भी चाहिए।

आरबीआई ने कहा कि एसआरओ-एफटी को उद्योग द्वारा बाजार मानकों को स्थापित करने, आचरण के नियमों को परिभाषित करने और अपने सदस्यों द्वारा सामान्य ढांचे को स्वैच्छिक रूप से अपनाने जैसी बातें सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख निकाय के रूप में देखा और स्वीकार किया जाना चाहिए।

रूपरेखा में यह भी कहा गया है कि एसआरओ-एफटी को विकासोन्मुख होना चाहिए, जो उद्योग की वृद्धि और विकास में सक्रिय रूप से योगदान दे। इसमें विशिष्ट ज्ञान और विशेषज्ञता प्रदान करना, मार्गदर्शन प्रदान करना और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से क्षमता निर्माण में योगदान देना और अपने सदस्यों के लिए न्यूनतम पात्रता मानदंड निर्धारित करना शामिल है।

साथ ही, सदस्यों को एसआरओ-एफटी को विवादों के वैध मध्यस्थ के रूप में समझना चाहिए। इसके लिए सदस्यों के बीच उत्पन्न होने वाले विवादों के लिए एक पारदर्शी और निष्पक्ष समाधान तंत्र की आवश्यकता होगी जो फिनटेक उद्योग में विश्वास पैदा करे। संघर्षों और शिकायतों को कुशलतापूर्वक संभालकर, एसआरओ-एफटी अधिक स्थिर और सामंजस्यपूर्ण फिनटेक वातावरण में योगदान देगा।

आरबीआई ने कहा कि मसौदा ढांचे पर हितधारकों और जनता के सदस्यों की टिप्पणियां फरवरी 2024 के अंत तक ई-मेल के माध्यम से भेजी जा सकती हैं। अंतिम रूपरेखा हितधारकों और सार्वजनिक प्रतिक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए जारी की जाएगी।

--आईएएनएस

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