राजनीति: बजरंग पुनिया पर लगे प्रतिबंध को गौरव गौतम ने जायज बताया
पहलवान बजरंग पुनिया पर एंटी-डोपिंग संहिता के उल्लंघन के लिए नाडा द्वारा लगाए गए चार साल के प्रतिबंध को उचित बताते हुए हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम ने गुरुवार को कहा कि यह एक मानक प्रक्रिया है, जो नाडा के नियमों और विनियमों के अनुसार है।
चंडीगढ़, 28 नवंबर (आईएएनएस)। पहलवान बजरंग पुनिया पर एंटी-डोपिंग संहिता के उल्लंघन के लिए नाडा द्वारा लगाए गए चार साल के प्रतिबंध को उचित बताते हुए हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम ने गुरुवार को कहा कि यह एक मानक प्रक्रिया है, जो नाडा के नियमों और विनियमों के अनुसार है।
गौरव गौतम ने कहा, "इस तरह के परीक्षण पहले भी किए गए हैं। यह हमेशा से एक प्रक्रिया का हिस्सा रहा है। मेरा मानना है कि उन्होंने जो किया है वह नियमों के भीतर है, और इसमें कोई राजनीतिक द्वेष शामिल नहीं है। खेलों में राजनीति लाना उचित नहीं है। हर चीज को राजनीतिक चश्मे से देखना न तो खेलों के लिए अच्छा है और न ही इसके विकास के लिए।"
बजरंग पुनिया ने प्रतिबंध के विरोध में सोशल मीडिया पर लंबा पोस्ट लिखा। पोस्ट में बजरंग ने लिखा है कि यह चार साल का प्रतिबंध उनके खिलाफ व्यक्तिगत द्वेष और राजनीतिक साजिश का परिणाम है। उन्होंने लिखा, "मेरे खिलाफ यह कार्रवाई उस आंदोलन का बदला लेने के लिए की गई है, जो हमने महिला पहलवानों के समर्थन में चलाया था। उस आंदोलन में हमने अन्याय और शोषण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैंने कभी भी डोपिंग टेस्ट कराने से मना नहीं किया। नाडा की टीम जब मेरे पास टेस्ट के लिए आई थी, तो उनके पास जो डोप किट थी, वह एक्सपायर हो चुकी थी। यह एक गंभीर लापरवाही थी, और मैंने केवल यह आग्रह किया कि एक वैध और मान्य किट के साथ परीक्षण किया जाए। यह मेरे स्वास्थ्य और करियर की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक था। लेकिन, इसे जानबूझकर मेरे खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया।"
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार और फेडरेशन ने उन्हें फंसाने और उनका करियर खत्म करने के लिए यह चाल चली है। यह फैसला निष्पक्ष नहीं है, बल्कि उनके और उन जैसे अन्य खिलाड़ियों को चुप कराने की कोशिश है।
अंतर्राष्ट्रीय पहलवान ने कहा कि नाडा की इस हरकत ने यह साबित कर दिया है कि उनका निष्पक्षता से कोई लेना-देना नहीं है। इस तरह के तमाम संस्थान सरकार के इशारे पर चल रहे हैं। इस प्रतिबंध के पीछे का असली मकसद उन्हें चुप कराना और गलत के खिलाफ आवाज उठाने से रोकना है।
बजरंग ने कहा, "मैं यह स्पष्ट कर दूं कि चाहे मुझे जिंदगी भर के लिए निलंबित कर दिया जाए, लेकिन मैं अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाना बंद नहीं करूंगा। यह लड़ाई सिर्फ मेरी नहीं, हर उस खिलाड़ी की है जिसे सिस्टम ने चुप कराने की कोशिश की है। मैं इस फैसले के खिलाफ अपील करूंगा और अपने हक की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा।"
एक सवाल के जवाब में मंत्री गौरव गौतम ने कहा है कि हरियाणा सरकार लगातार खेलों को बढ़ावा देने का काम कर रही है। आने वाले दिनों में अच्छे स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स बनाए जाएंगे और यहां के खिलाड़ी राज्य के साथ अपने देश का नाम भी रौशन करेंगे।
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