राजनीति: संजय निरूपम ने यूबीटी पर लगाया शिवसेना कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप
महाराष्ट्र में बुधवार को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो गया। इस बीच, राज्य की दिंडोशी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे शिवसेना नेता संजय निरुपम ने उनके बूथ कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ताओं पर लगाया है।
मुंबई, 20 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में बुधवार को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो गया। इस बीच, राज्य की दिंडोशी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे शिवसेना नेता संजय निरुपम ने उनके बूथ कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ताओं पर लगाया है।
संजय निरुपम ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “दिंडोशी विधानसभा में मतदान शांतिपूर्वक चल रहा था। सभी वोटर स्वतंत्र रूप से अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को वोट दे रहे थे। धीरे-धीरे यह दिखने लगा कि महायुति के उम्मीदवार को ज्यादा समर्थन मिल रहा है, जिससे यूबीटी के कार्यकर्ताओं और उनके उम्मीदवारों में घबराहट और कुंठा पैदा हो गई। इसके बाद, उनके कार्यकर्ताओं ने पठानवाड़ी और संजय नगर में हमारे कार्यकर्ताओं पर हमला किया। जब मुझे यह जानकारी मिली, तो मैं वहीं पहुंचा।”
उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र है, जिसमें चुनाव में एक उम्मीदवार हारता है, तो दूसरा जीतता है। यह सामान्य बात है और हार-जीत को पूरे सम्मान के साथ स्वीकार करना चाहिए। लेकिन हारने से पहले जो उत्पात मचाया गया, वह अत्यंत आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा, "जब मैं वहां पहुंचा, तो हमारे कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया और बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गई, जो वोटर्स को प्रभावित कर रहे थे। पास में एक रेस्त्रां भी था, जहां इन लोगों ने तमाशा बना दिया। मैंने वहां मौजूद लोगों को डांटा और कहा कि आपको यहां से निकलना पड़ेगा, क्योंकि यह आचार संहिता का उल्लंघन है।"
बाद में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने मामले में एफआईआर दर्ज करने का निर्णय लिया।
संजय निरुपम ने कहा, “वे मुस्लिम थे, पठानवाड़ी और संजय नगर के मुस्लिम समुदाय के लोग थे। लेकिन धर्म से कोई फर्क नहीं पड़ता। आप हिंदू हों या मुस्लिम, आप स्वतंत्र रूप से वोट करने के लिए आजाद हैं। लेकिन किसी को डराना या धमकाना गलत है, और अगर कोई अकेला कार्यकर्ता दिखे, तो उसे घेरना गलत है। हम पुलिस से यही मांग करते हैं कि जो लोग हमारे कार्यकर्ताओं पर हमला करने के लिए जिम्मेदार थे, उन पर कार्रवाई की जाए। बाद में, मैंने देखा कि शाम तक सभी दुकानें बंद हो गई थीं। इस प्रकार की घटनाएं सामान्य होती हैं, लेकिन हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए।”
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