राजनीति: पीएम मोदी ने गिरिधर मालवीय के निधन पर जताया दुख
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चांसलर जस्टिस (रिटायर्ड) गिरिधर मालवीय के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। पीएम मोदी ने कहा कि गंगा सफाई अभियान में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। मुझे कई बार उनसे निजी तौर पर मिलने का सौभाग्य मिला।
नई दिल्ली, 18 नवंबर (आईएएनएस)। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चांसलर जस्टिस (रिटायर्ड) गिरिधर मालवीय के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। पीएम मोदी ने कहा कि गंगा सफाई अभियान में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। मुझे कई बार उनसे निजी तौर पर मिलने का सौभाग्य मिला।
भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के प्रपौत्र गिरिधर मालवीय का जन्म 14 नवंबर 1936 को हुआ था। उन्होंने 94 साल की आयु में आखिरी सांस ली। वो पिछले काफी वक्त से बीमार चल रहे थे। गिरिधर मालवीय साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से पीएम मोदी के प्रस्तावक भी रहे थे।
पीएम मोदी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी के प्रपौत्र गिरिधर मालवीय जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना शिक्षा जगत के साथ-साथ पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। गंगा सफाई अभियान में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। न्यायिक सेवा में अपने कार्यों से भी उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई थी।''
उन्होंने आगे लिखा, ''मुझे कई बार उनसे निजी तौर पर मिलने का सौभाग्य मिला। 2014 और 2019 में वाराणसी के मेरे संसदीय क्षेत्र से वे प्रस्तावक रहे थे, जो मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगा। शोक की इस घड़ी में ईश्वर उनके परिजनों को संबल प्रदान करे। ओम शांति।''
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी गिरिधर मालवीय के निधन पर शोक जताया। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, ''रिटायर्ड न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय जी का निधन। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। गिरिधर मालवीय जी भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी के परिवार से थे। वे समाज सेवा, शिक्षा और राष्ट्रभक्ति के प्रति पूरी तरह समर्पित थे। न्यायमूर्ति के रूप में उन्होंने न्याय के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ी। मालवीय जी 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक भी रहे। उनका पूरा जीवन विद्वता, राष्ट्रसेवा और समाज कल्याण के लिए समर्पित रहा। उनके निधन से देश ने एक ऐसा महान राष्ट्रभक्त और समाजसेवी खो दिया है, जो शिक्षा और सेवा के मूल्यों का प्रतीक थे।''
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