राजनीति: हेमंत सोरेन को कमजोर करने वाले आदिवासियों की आवाज दबाना चाहते हैं पप्पू यादव

झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में राजनीतिक पार्टियां कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं। इसी क्रम में कांग्रेस नेता और निर्दलीय सांसद राजीव रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आईएएनएस से बात की। उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ है, और जो लोग उन्हें कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, वे असल में आदिवासियों और झारखंड की आवाज को दबाना चाहते हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-10 18:50 GMT

रांची, 11 नवंबर (आईएएनएस)। झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में राजनीतिक पार्टियां कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं। इसी क्रम में कांग्रेस नेता और निर्दलीय सांसद राजीव रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आईएएनएस से बात की। उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ है, और जो लोग उन्हें कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, वे असल में आदिवासियों और झारखंड की आवाज को दबाना चाहते हैं।

पप्पू यादव ने कहा कि झारखंड की जनता परेशान है। यहां के लोग समझ गए हैं कि राज्य की अस्मिता पर हमला हो रहा है। हम सब चाहते हैं कि झारखंड की संस्कृति और उसकी पहचान बची रहे। आज जो स्थिति है, वह किसी से छिपी नहीं है। पहले झारखंड में छोटे-बड़े व्यापारी अपनी मेहनत से यहां का निर्माण करते थे, लेकिन अब अधिकांश व्यापारी दिल्ली में बैठकर व्यापार कर रहे हैं, और केवल गुजराती व्यापारी ही यहां सक्रिय हो गए हैं। इस सबका पैसा गुजरात और कुछ बड़े उद्योगपतियों तक जा रहा है।

उन्होंने कहा कि झारखंड में कई मुख्यमंत्री आए, लेकिन आदिवासी समुदाय और यहां के लोगों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। रघुवर दास जैसे नेता जो एक समय मजदूर थे, अरबपति बन गए, जबकि आदिवासी और सामान्य लोग गरीब और परेशान हो गए। झारखंड में 53 फीसदी फैक्ट्रियां बंद हो गईं, युवाओं के हाथ खाली हो गए और आदिवासी की थाली भी खाली हो गई। पांच साल तक जो 'डबल इंजन' सरकार रही, उसने झारखंड के लिए कोई काम नहीं किया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न तो यहां कोई केंद्रीय विश्वविद्यालय दिया, न आईआईटी, न आईआईएम, न कोई मेडिकल कॉलेज। इन सरकारों ने झारखंड के लिए कुछ भी नहीं किया, सिवाय नफरत और विभाजन की राजनीति के। नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था, लेकिन इसके परिणाम क्या हुए? काले धन का क्या हुआ? कितने लोग पकड़े गए? क्या हुआ उन दावों का जो विदेशों में जमा काले धन के बारे में किए गए थे? अगर इतने साल में कुछ भी ठोस नहीं किया गया, तो यह जनता के साथ धोखा है।

इसके बाद उन्होंने कहा कि अब बात करते हैं घुसपैठ की, तो पीएम मोदी और भाजपा ने 20 साल तक सत्ता में रहते हुए कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया? और अब जब चुनाव नजदीक हैं तो घुसपैठ की बात करते हैं, जबकि यहां न तो कोई बांग्लादेश के साथ सीमा है, न ही कोई अन्य समस्या। अगर घुसपैठ होती तो 20 साल में उसे क्यों नहीं रोका गया? यह सिर्फ राजनीति है, नफरत फैलाने के लिए। कांग्रेस ने पहले भी आरक्षण और नौकरी के अवसरों पर काम किया था, लेकिन भाजपा ने आते ही नौकरी के मौके खत्म कर दिए। अब वे निजीकरण की बात करते हैं, जिससे ओबीसी, एसटी, एससी वर्ग के लोग और पीछे हो जाएंगे। रोजगार के अवसर नहीं मिल रहे, और भाजपा केवल भाषण देती है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाती।

उन्होंने आगे कहा कि झारखंड की जनता हेमंत सोरेन के साथ है, और जो लोग उन्हें कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, वे असल में आदिवासियों और झारखंड की आवाज को दबाना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि बाहर के गुंडे राज्य में आकर सत्ता पर काबिज हों, ताकि यहां का पैसा दिल्ली और गुजरात में चला जाए। हेमंत सोरेन के खिलाफ जो ईडी के छापे मारे गए, वे इसका स्पष्ट प्रमाण हैं कि भाजपा चुनाव हारने के डर से इस तरह की राजनीति कर रही है। जनता अब समझ चुकी है कि भाजपा की नफरत की राजनीति से झारखंड को कोई फायदा नहीं होने वाला, बल्कि यह राज्य और उसके लोगों के लिए नुकसानदेह है।

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