राजनीति: अयोध्या नौ मिनट में श्रीराम के 14 वर्षों के संघर्षों की गाथा
अयोध्या में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने रामनगरी में एक और बड़ी पहल शुरू की है। देश-विदेश से अयोध्या आने वाले भक्तों को श्रीराम के 14 वर्षों के वनवास के दौरान किए गए संघर्षों की गाथा थ्रीडी वीडियो के जरिए दिखाई जा रही है। सिर्फ 9 मिनट के वीडियो में ही श्रद्धालु श्रीराम के जीवन को देखकर भाव-विभोर हो रहे हैं। इसके लिए हनुमान गढ़ी के पास राज द्वार पार्क में दुर्लभ दर्शन केंद्र की स्थापना कराई गई है।
अयोध्या, 7 नवंबर (आईएएनएस)। अयोध्या में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने रामनगरी में एक और बड़ी पहल शुरू की है। देश-विदेश से अयोध्या आने वाले भक्तों को श्रीराम के 14 वर्षों के वनवास के दौरान किए गए संघर्षों की गाथा थ्रीडी वीडियो के जरिए दिखाई जा रही है। सिर्फ 9 मिनट के वीडियो में ही श्रद्धालु श्रीराम के जीवन को देखकर भाव-विभोर हो रहे हैं। इसके लिए हनुमान गढ़ी के पास राज द्वार पार्क में दुर्लभ दर्शन केंद्र की स्थापना कराई गई है।
अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद यहां श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। अब श्रीराम के जीवन से जुड़ी गाथाओं से लोगों को जोड़ने का काम शुरू किया गया है। अयोध्या विकास प्राधिकरण की ओर से श्रीराम वन गमन से जुड़े वर्चुअल रियलिटी पर डेमो शुरू कराया गया है। ठीक उसी तरह जैसे काशी विश्वनाथ, मां वैष्णो देवी भवन में भी ऐसी व्यवस्था है।
अयोध्या को एनिमेशन के जरिए दिखाया जाता है। तमसा नदी, भरत मिलाप, लक्ष्मण पहाड़ी, अनुसुइया माता दर्शन, दंडकारण्य, पंचवटी, धनुषकोडि के अलावा एनिमेशन के जरिए श्रीराम का लंका में सूर्य तिलक दिखाया जाता है। दुर्लभ दर्शन केंद्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। करार के तहत टेक एक्स आर इनोवेशंस कंपनी ने अभी केंद्र में 10 कैमरे लगवाए हैं। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को एक हेड फोन भी दिया जाता है, जिसकी साउंड क्वालिटी भी लाजवाब है।
देश-विदेश से बड़ी संख्या में रोजाना पहुंच रहे भक्तों की संख्या को देखते हुए अभी नगर क्षेत्र में और भी दुर्लभ दर्शन केंद्रों की स्थापना प्रस्तावित है। सीएम योगी के विजन के अनुसार अब अयोध्या समेत आस-पास के सभी प्रमुख क्षेत्रों के वर्चुअल रिएलिटी प्लेटफॉर्म के जरिए दर्शन कराने की प्रक्रिया पर भी जोर दिया जा रहा है। ऐसे 18 तीर्थस्थलों को वर्चुअल रिएलिटी के जरिए जोड़े जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके लिए शूटिंग पूरी कर ली गई है।
इसमें श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, हनुमान गढ़ी मंदिर, नागेश्वर नाथ मंदिर, राम की पैड़ी, छोटी देवकाली मंदिर, रंग महल, सूर्य कुंड, भरत कुंड, गुप्तार घाट, बड़ी देवकाली मंदिर, कनक भवन मंदिर व दशरथ महल मंदिर मुख्य हैं। बीकानेर से आए विकास तिवारी ने दुर्लभ दर्शन के बाद बताया कि गजब का अनुभव हुआ है। अयोध्या आने वाले हर भक्त को रामलला का दर्शन करने के पश्चात इसे जरूर देखना चाहिए।
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अश्वनी पांडेय ने बताया कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अभी इस योजना को बढ़ावा दिया गया है। हालांकि अभी यह डेमो के तौर पर दिखाया जा रहा है। अब तक एक हजार से भी अधिक लोग इसका डेमो ले चुके हैं। अभी इसके और केंद्र भी खोले जाएंगे। उज्जैन की भस्म आरती, मैहर, वैष्णो देवी व ओंकारेश्वर व भीमाशंकर के धार्मिक स्थलों व कथाओं को भी यहां दिखाने की कवायद शुरू की गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि देश-विदेश में बैठे भक्तों को भी यह थ्रीडी डॉक्यूमेंट्री दिखाने की योजना पर मंथन चल रहा है। इसके अंतर्गत तीन कंपनियों से करार किया गया है। इसमें एक ऐप तैयार किया जाएगा। उसके सब्सक्रिप्शन को लेने पर वीआर डिवाइस भी मिलेगा। अभी दीपोत्सव पर शुरू हुए दुर्लभ केंद्र का चार्ज नहीं लग रहा है, लेकिन आने वाले दिनों में 100 से 150 रुपये चार्ज लिया जाएगा।
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