राजनीति: मनोज तिवारी की पत्नी ने दिया डूबते सूर्य को अर्घ्य, सांसद ने दिल्ली सरकार पर उठाए सवाल
आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुरुवार की शाम व्रती महिलाओं ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। भाजपा सांसद मनोज तिवारी की पत्नी ने भी भगवान भुवन भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया। इस मौके पर मनोज तिवारी ने देशवासियों को छठ की बधाई दी।
नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुरुवार की शाम व्रती महिलाओं ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। भाजपा सांसद मनोज तिवारी की पत्नी ने भी भगवान भुवन भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया। इस मौके पर मनोज तिवारी ने देशवासियों को छठ की बधाई दी।
भाजपा सांसद ने छठ घाट पर आईएएनएस से बातचीत में कहा, "मैं सभी देशवासियों को छठ की बधाई देता हूं। मेरी मां ने पिछले 25 साल छठ किया है। अब मेरी पत्नी ने इस साल छठ का व्रत रखा है। यह पर्व देश और दुनिया में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।"
उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधते हुए कहा, "सिर्फ दिल्ली में ही एक दंश झेलने को मिल रहा है। यहां की सरकार छठ रोकने में लगी हुई है। कुछ लोग यमुना नदी पर व्यवस्था करने में लगे हैं, लेकिन मैंने हाल ही में कोर्ट के निर्णय के बारे में सुना। पता नहीं यह कौन लोग हैं, जो स्वच्छता के त्योहार को अलग नजरिए से देख रहे हैं। इस पर्व पर यमुना का पानी साफ किया जाता है। लेकिन यमुना नदी के पानी में केमिकल डालकर उसे गंदा किया जा रहा है। इस सरकार को उन पर रोक लगानी चाहिए थी, मगर वह तो छठ पर रोक लगाने में लगी हुई है।"
मनोज तिवारी ने कहा, "यमुना नदी हर जगह दूषित नहीं है। वजीराबाद के बाद की यमुना दूषित है। वजीराबाद से सटे हरियाणा में तो छठ मनाया जा रहा है, लेकिन दिल्ली में छठ रोकने का क्या मतलब है? यह सब देखने के बाद मेरे मन को बहुत पीड़ा हो रही है। छठी मैया अपने भक्तों पर कृपा करें और सबको शुभकामनाएं हैं। इस पीड़ा का निराकरण भी छठी मैया करेंगी, ऐसा मेरा विश्वास है।"
मनोज तिवारी की पत्नी सुरभि ने कहा, "छठ का पर्व बहुत पावन है। छठी मैया के आशीर्वाद से इसको पूरा किया जाता है। हमें बहुत खुशी होती, अगर यमुना घाट पर छठ मनाया जाता। लेकिन मेरे जैसी दिल्ली की हर छठ व्रती पीड़ा में होंगी। अपने ही घर या मोहल्ले में या फिर छठ समितियों द्वारा घाट बनाए जाते हैं, उनमें जाकर सूर्य को अर्घ्य देती हैं। अगली बार छठी मैया की कृपा होगी तो यमुना नदी भी साफ हो जाएगी।"
उन्होंने आगे कहा, "व्रत कठिन जरूर है, लेकिन अब जब मैंने खुद व्रत रखा है तो मुझे ऐसा लगता है कि छठी मैया खुद ही सब कराती हैं। इस व्रत को लेकर शुरुआत में मेरा मन भी घबराया, मगर बाद में सब ठीक हो गया। शुक्रवार सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही हमारा पर्व संपन्न होगा।"
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