राजनीति: रायपुर में छत्तीसगढ़ी कार्यक्रमों से राज्योत्सव की रंगारंग शुरुआत
छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति राज्य के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित तीन दिवसीय राज्योत्सव की रंगारंग शुरुआत हुई। इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य के लोगों को जो गारंटियां दी थीं, हमने मात्र 10 महीने में अधिकांश गारंटियों को पूरा कर दिया है।
रायपुर, 4 नवंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति राज्य के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित तीन दिवसीय राज्योत्सव की रंगारंग शुरुआत हुई। इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य के लोगों को जो गारंटियां दी थीं, हमने मात्र 10 महीने में अधिकांश गारंटियों को पूरा कर दिया है।
राज्योत्सव के पहले दिन नवा रायपुर के राज्योत्सव ग्राउण्ड के मुख्य मंच से छत्तीसगढ़ी कलाकारों के दल ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दीं और दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। मेला स्थल को शानदार ढंग से सजाया गया है। हजारों की संख्या में लोग यहां आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेने और प्रदर्शनी देखने के लिए पहुंचे।
राज्योत्सव 2024 का शुभारंभ मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया। उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता विष्णु देव साय ने की।
सुप्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी लोक कलाकार स्व. लक्ष्मण मस्तुरिहा के गीतों की प्रस्तुति ने खूब समां बांधा। रिखी क्षत्रीय की टीम ने राज्य में अलग-अलग मौकों पर होने वाले तीज-त्यौहार एवं लोकपर्व आधारित कार्यक्रमों की संवाद, गीत एवं नृत्य के माध्यम से शानदार प्रस्तुति दी। उनकी टीम ने तीजा-पोरा, जंवारा, हरेली, गौरी-गौरा पूजा के साथ ही सुवा नृत्य एवं करमा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सभी प्रस्तुतियों का दर्शकों ने ताली बजाकर सराहा।
इससे पूर्व रजनी रजक की लोकगाथा पर आधारित ढोला-मारू की प्रस्तुति रेवा-पेरवा जादूगरनी की कहानी को गायन विधा में तथा महेन्द्र चौहान एवं साथी द्वारा प्रस्तुत आदिवृंदम एवं चन्द्रभूषण वर्मा की प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, "पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार 15 साल तक रहा। उसी दौर में पुरखों के सपने एक-एक कर पूरे होने शुरू हुए। राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रेल मार्ग जैसी बुनियादी अधोसंरचनाओं का निर्माण उसी दौर में हुआ। इस दौरान आईआईटी, आईआईएम, एम्स, ट्रिपल आईटी और हिदायतुल्लाह विधि विश्वविद्यालय जैसे शीर्ष स्तर के संस्थान छत्तीसगढ़ में स्थापित किए।"
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