राजनीति: ईरान को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए, भारतीय मुसलमान अपने देश में खुश मुफ्ती वजाहत कासमी

भारत के मुसलमानों के बारे में ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई की टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हुए इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती वजाहत कासमी ने मंगलवार को कहा कि ईरान दुनिया में शांति भंग करने की कोशिश करता रहा है, और भारत के बारे में कुछ भी कहने से पहले उसे अपने गिरेबां में झांक कर देखना चाहिए।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-17 12:05 GMT

नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। भारत के मुसलमानों के बारे में ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई की टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हुए इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती वजाहत कासमी ने मंगलवार को कहा कि ईरान दुनिया में शांति भंग करने की कोशिश करता रहा है, और भारत के बारे में कुछ भी कहने से पहले उसे अपने गिरेबां में झांक कर देखना चाहिए।

मुफ्ती वजाहत कासमी ने आईएएनएस से एक विशेष बातचीत में कहा, "भारतीय मुसलमानों की स्थिति से पाकिस्तान और ईरान का क्या लेना-देना है? ईरान ने पूरी दुनिया की शांति भंग करने की कोशिश की है। ईरान वह देश है जो लेबनान में हिजबुल्लाह को फंड देता है। वह सीरिया के साथ युद्ध कर रहा है, और इराक का माहौल भी खराब कर रहा है। ईरान दुनिया भर के सभी बड़े आतंकवादी संगठनों को फंड दे रहा है। भारतीय मुसलमान पहले भी खुश थे और आज भी खुश हैं। भारतीय मुसलमान अपनी मर्जी से भारत में रह रहे हैं। देश के बंटवारे के समय भारतीय मुसलमानों ने पाकिस्तान को नकार दिया था।"

उन्होंने आगे कहा, "भारत में करोड़ों मुसलमान हैं। वे अपनी समस्याओं और खुशियों को अच्छी तरह जानते हैं। भारत का मुसलमान धर्मनिरपेक्ष है। वह भारत में भाईचारे और प्रेम के साथ रह रहा है। उन्हें (खामेनेई को) सस्ती प्रसिद्धि पाने के लिए ऐसी टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए और ओछी बातें नहीं करनी चाहिए। उन्हें अपने गिरेबां में झांकना चाहिए कि पूरी दुनिया में जहां भी आतंकवादी हमले हो रहे हैं, उनमें ईरान का हाथ है। इसलिए ईरान को ऐसी ओछी बातें नहीं करनी चाहिए।"

उल्लेखनीय है कि खामेनेई ने कहा था कि भारत में मुसलमान परेशान हैं और उन पर अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा था कि अगर लोगों को म्यांमार, गाजा, भारत या किसी अन्य जगह पर किसी मुसलमान की पीड़ा के बारे में पता नहीं है, तो उन्हें खुद को मुसलमान नहीं मानना ​​चाहिए।

खामेनेई ने 16 सितंबर को पैगंबर मोहम्मद की जयंती के मौके पर यह जहर उगला था, जिसका भारत ने करारा जवाब भी दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ईरानी नेता से कहा था कि भारतीय मुसलमानों पर बोलने से पहले उन्हें अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। इजरायल भी भारत के समर्थन में आया और उसने ईरानी नेता को अपने ही लोगों का हत्यारा बताया।

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