राजनीति: दिल्ली की सीएम होंगी आतिशी, सोशल मीडिया पर उनके और परिवार के पुराने बयान हो रहे वायरल
आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। आम आदमी पार्टी द्वारा आतिशी को दिल्ली का नया सीएम चुनने के बाद इसको लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने आतिशी को सीएम बनाए जाने पर कटाक्ष किया है। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने पार्टी के इस फैसले को दु:खद बताया और कहा कि दिल्ली की सीएम एक ऐसी महिला को बनाया जा रहा है जिनके माता-पिता आतंकी अफजल गुरु को बचाने के लिए लड़े थे।
नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। आम आदमी पार्टी द्वारा आतिशी को दिल्ली का नया सीएम चुनने के बाद इसको लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने आतिशी को सीएम बनाए जाने पर कटाक्ष किया है। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने पार्टी के इस फैसले को दु:खद बताया और कहा कि दिल्ली की सीएम एक ऐसी महिला को बनाया जा रहा है जिनके माता-पिता आतंकी अफजल गुरु को बचाने के लिए लड़े थे।
दरअसल, आम आदमी पार्टी की तरफ से दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर जैसे ही आतिशी के नाम का ऐलान किया गया उसके साथ ही सियासी बवाल शुरू हो गया। विपक्षी पार्टियां जहां आतिशी और उनके माता-पिता के पुराने बयानों को लेकर हमलावर हो गई वहीं आप से राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने भी पार्टी के इस फैसले को लेकर सवाल उठाए हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर आतिशी और उनके माता-पिता के पुराने बयान तेजी से वायरल हो रहे हैं।
आतिशी का दिल्ली का नए सीएम चुनने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर आतिशी के कई पुराने वीडियो भी शेयर किए जा रहे हैं। एक वीडियो में आतिशी चुनाव के दौरान कह रही हैं कि किसी सक्षम उम्मीदवार के बजाय गुंडों को वोट देना बेहतर है। इसके अलावा 2023 में यूके में कैंब्रिज इंडिया कॉन्फ्रेंस में आतिशी ने कहा था कि श्रीलंका, भूटान और पाकिस्तान जैसे देश भारत से कहीं ज्यादा खुशहाल हैं।
इसके साथ ही सोशल मीडिया पर आतिशी की मां तृप्ता वाही के पुराने वीडियो और बयान भी वायरल हो रहे हैं। जिसमें वह आतंकी अफज़ल गुरु के पक्ष में बोल रही हैं।
सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना के माता-पिता राष्ट्र-विरोधी छवि वाले हैं? उनके माता-पिता ने संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु और आतंकी याकूब मेमन के लिए दया याचिका पर हस्ताक्षर किया था और कई सालों तक इन आतंकियों की खुलेआम वकालत भी करते रहे। आतिशी की माता 'तृप्ता वाही' उस समिति की संयोजक थीं जो अफ़ज़ल गुरु को आरोपों से मुक्त कराना चाहती थीं। उनके पिता विजय सिंह भी इस समिति के सदस्य थे। इस याचिका में अफजल गुरु को दी गई सज़ा को रद्द करने की प्रार्थना की गई थी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक लेटर भी शेयर किया गया है, जिसमें लिखा है, "हम सत्र न्यायालय के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताते हैं कि संसद हमले में आरोपी अफजल को 20 अक्टूबर 2006 को फांसी दी जानी है। फांसी ना केवल न्याय का मजाक होगी, बल्कि देश की शांति, धर्मनिरपेक्षता और आतंकवाद की भयावह समस्या को सुलझाने की क्षमता पर इसके दूरगामी परिणाम होंगे।"
आतिशी मार्लेना के माता-पिता अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ और दया की मांग करते हुए भारत के राष्ट्रपति को लिखे गए विरोध पत्र के कई हस्ताक्षरकर्ताओं में से एक थे। हस्ताक्षरकर्ता संख्या 57 और संख्या 58 तृप्ता वाही (मां) और विजय सिंह (पिता) हैं।
एक पोस्ट में बताया कि साल 2008 में आतिशी के पिता विजय सिंह ने रॉ और भारतीय अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा था कि वे नेपाल के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं।
इसके अलावा आतिशी का मां की पाकिस्तानी सेना के प्रति हमदर्दी वाला बयान भी शेयर किया जा रहा है। जब साल 2016 में तृप्ता वाही से पूछा गया था कि वह सियाचिन ग्लेशियर में मरने वाले सैनिकों के बारे में क्या सोचती हैं? तब उन्होंने कहा था, “हां, यह बात मुझे बहुत परेशान करती है। लेकिन मैं सीमा पर मर रहे पाकिस्तानी सैनिकों से भी उतना ही परेशान हो जाती हूं।”
2016 में जब एसएआर गिलानी को देशद्रोह, आपराधिक साजिश और गैरकानूनी सभा का हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, तब आतिशी की मां तृप्ता वाही, गिलानी के साथ मंच साझा कर रही थीं। जिसके बाद पुलिस ने उनसे पूछताछ भी की थी।
इसके अलावा आतिशी की मां ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भी विवादित बयान दिए थे। जिसमें उन्होंने कहा था, “योगी आदित्यनाथ जैसी हिंदू फासीवादी ताकतों द्वारा दिसंबर 2006 में नेपाल में विश्व हिंदू संगम का आयोजन करके नेपाल के अंदर अशांति फैलाने से पता चलता है कि नेपाली लोगों के लिए स्थिति कितनी अनिश्चित हो गई है।”
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