स्वास्थ्य/चिकित्सा: बिस्तर पर बैठ कर ना खाएं, नहीं तो हो जाएंगे कंगाल
घर के बड़े अक्सर कहते हैं कि बिस्तर पर बैठ कर मत खाओ! कभी सोचा आपने क्यों? कहते हैं कि जिस बिस्तर पर आप सोते हैं उसी पर बैठकर भोजन करें तो धनलक्ष्मी रूठ जाती हैं। दिन भर की थकान के बाद लोग बिस्तर पर बैठ कर ही खाना खा लेते हैं, लेकिन यह आदत आपको कंगाल भी बना सकती है। धन से भी और शरीर से भी! इसका वैज्ञानिक आधार भी है।
नई दिल्ली, 15 सितंबर (आईएएनएस)। घर के बड़े अक्सर कहते हैं कि बिस्तर पर बैठ कर मत खाओ! कभी सोचा आपने क्यों? कहते हैं कि जिस बिस्तर पर आप सोते हैं उसी पर बैठकर भोजन करें तो धनलक्ष्मी रूठ जाती हैं। दिन भर की थकान के बाद लोग बिस्तर पर बैठ कर ही खाना खा लेते हैं, लेकिन यह आदत आपको कंगाल भी बना सकती है। धन से भी और शरीर से भी! इसका वैज्ञानिक आधार भी है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार बिस्तर पर माता लक्ष्मी निवास करती हैं और अगर इस पर भोजन किया जाए तो देवी लक्ष्मी का अपमान होता है, जिससे आपको धन की हानि और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसा कहा जाता है कि इस प्रथा से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। यह भी माना जाता है कि बिस्तर पर भोजन करने से परिवार के लोगों को कर्ज का सामना करना पड़ सकता है और घर में अशांति का माहौल बनता है।
इसके अलावा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बिस्तर पर भोजन करना हानिकारक माना जाता है। इससे पाचन क्रिया और शरीर दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। दरअसल, हमारे सबकॉन्शियस माइंड (अवचेतन अवस्था) में ये बात फिट है कि बिस्तर पर हम आरामतलबी से काम लेंगे। शरीर आराम करने की अवस्था में होता है, जिससे पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। इससे गैस, पेट दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
एकाग्रता में कमी भी आती है, जिससे भोजन ठीक से नहीं पचता और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
हमारे गांवों में अब भी लोग जमीन पर बैठकर भोजन करते हैं। वास्तु शास्त्री भी इसे सही मानते हैं। उनके अनुसार, भोजन हमेशा जमीन पर बैठकर करना अच्छा होता है। खाना खाते समय उत्तर-पूर्व की दिशा की ओर मुख रखना शुभ फल देने वाला माना जाता है। रात को खाना खाने के बाद जूठे बर्तन किचन में नहीं छोड़ने चाहिए क्योंकि ऐसा करने से माँ लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
भोजन करने के बाद जिस स्थान पर खाना खाया गया हो, उसे अच्छे से साफ करना भी महत्वपूर्ण है। इन आदतों को अपनाकर न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं का पालन किया जा सकता है, बल्कि स्वास्थ्य भी बेहतर रखा जा सकता है।
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