राजनीति: माकपा नेता सीताराम येचुरी के निधन पर गृह मंत्री, रक्षा मंत्री ने जताया दुख

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 72 साल के थे और एम्स में उनका इलाज चल रहा था। सीताराम येचुरी के निधन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने दुख जताया है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-12 13:27 GMT

नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 72 साल के थे और एम्स में उनका इलाज चल रहा था। सीताराम येचुरी के निधन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने दुख जताया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''सीपीआई (एम) के महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। उनका निधन राजनीतिक क्षेत्र के लिए एक क्षति है। मैं उनके परिवार के सदस्यों और मित्रों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं, ईश्वर उन्हें इस कठिन वक्त को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।''

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा, ''सीपीआई (एम) महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी के निधन से दुखी हूं। सार्वजनिक जीवन में कई वर्षों में, उन्होंने खुद को एक अनुभवी सांसद के रूप में प्रतिष्ठित किया, जो अपने ज्ञान और स्पष्टता के लिए जाने जाते थे। वह मेरे दोस्त भी थे, जिसके साथ मेरी कई बार बातचीत हुई थी। मैं उसके साथ हुई बातचीत को हमेशा याद रखूंगा। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।''

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पोस्ट पर लिखा, ''कॉमरेड सीताराम येचुरी के निधन पर मेरी हार्दिक संवेदनाएं। वह एक विनम्र नेता थे, जिन्होंने अडिग राजनीतिक विचारधाराओं के साथ व्यक्तिगत समीकरणों को संतुलित करने का अनूठा क्षेत्र अपनाया। एक उत्कृष्ट सांसद और उत्कृष्ट बुद्धिजीवी के रूप में उन्होंने भारत की जनता की सेवा आदर्शवाद के साथ मिश्रित व्यावहारिकता के साथ की। यह सभी उदारवादी ताकतों के लिए एक बड़ी क्षति है, क्योंकि वह प्रगतिवादियों की सामूहिक चेतना के रक्षक थे।''

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, ''सीताराम येचुरी का सिर्फ एक पार्टी के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश की राजनीति में अहम योगदान था। उनकी कमी ना केवल उनकी पार्टी को खलेगी, इस देश की राजनीति को भी खलेगी। वो अपनी विचारधारा के प्रति पूरी तरह से दृढ़ थे। लेकिन, किसी को नीचा दिखाना, किसी की बेइज्जती करना, ये सब उन्हें नहीं आता था। एक शानदार वक्ता और शानदार इंसान, उनकी कमी हमें हमेशा खलेगी।''

सीताराम येचुरी अगस्त 2005 से 2017 तक लगातार दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे। वह अप्रैल 2015 से माकपा के महासचिव पद पर थे। इससे पहले 1992 से वह माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और 1984 से माकपा की केंद्रीय समिति से सदस्य रहे थे।

येचुरी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई की थी। उनके परिवार में पत्नी सीमा चिश्ती येचुरी और दो बेटे हैं।

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