मनोरंजन: फैंस के दिलों पर राज करते थे एक्टर रंजन, जानें उनकी आकस्मिक मौत और अदृश्य 'दैवीय शक्तियों' का रहस्य?

साल 1959 में सिनेमाघरों में एक फिल्म रिलीज हुई, जिसका नाम था मदारी। इस फिल्म ने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाया बल्कि इसके गानों को भी दर्शकों ने खूब सराहा। इसमें मुख्य भूमिका में नजर आने वाले एक्टर रंजन (रामनारायण वेंकटरमण शर्मा) को उनकी अदाकारी के लिए खूब पसंद किया गया था, लेकिन उनकी अचानक हुई मौत ने फैंस को झकझोर दिया।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-12 06:31 GMT

नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)। साल 1959 में सिनेमाघरों में एक फिल्म रिलीज हुई, जिसका नाम था मदारी। इस फिल्म ने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाया बल्कि इसके गानों को भी दर्शकों ने खूब सराहा। इसमें मुख्य भूमिका में नजर आने वाले एक्टर रंजन (रामनारायण वेंकटरमण शर्मा) को उनकी अदाकारी के लिए खूब पसंद किया गया था, लेकिन उनकी अचानक हुई मौत ने फैंस को झकझोर दिया।

अपने डैशिंग लुक और उस दशक के एक्टरों में अपना हुनर साबित करते वाले इस एक्टर ने फैंस के दिलों पर राज किया। कई रिपोर्ट में दावा किया गया कि उनकी मौत के पीछे अदृश्य दैवीय शक्तियों का हाथ है। हालांकि, इसके पीछे क्या सच्चाई है यह बता पाना मुश्किल हैं। लेकिन, इस दिलचस्प कहानी के कुछ अहम हिस्सों से हम आपको अवगत कराएंगे।

रंजन का जन्म 2 मार्च 1918 को मद्रास के मायलापुर में हुआ था। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उन्होंने एक्टिंग करना शुरू कर दिया। साल 1941 में आई फिल्म “अशोक कुमार” से अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन उन्हें पहचान दिलाई साल 1948 की “चंद्रलेखा” ने।

रंजन ने 1950 और 1960 के दशक में कई बॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया। उन्होंने “मंगला”, “सिंदबाद द सेलर”, “मदारी”, “बहुत दिन हुए”, “स्वर्ण सुंदरी”, “निशान”, “मैजिक कार्पेट” जैसी हिंदी फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाई। इसके अलावा उन्होंने तमिल फिल्म नीलामलाई थिरुदन (1957) भी की, जो उस दौर में बॉक्स ऑफिस हिट साबित हुई। हालांकि, उन्हें 1960 के बाद तमिल फिल्मों में अपनी प्रतिभा दिखाने का ज्यादा मौका नहीं मिल पाया। लेकिन, उनकी आखिरी फिल्म कैप्टन रंजन (1969) फ्लॉप रही।

वह प्रतिभा के धनी थे, तभी तो वह एक्टिंग के अलावा गायिकी और लेखनी में भी हाथ आजमाते थे। रंजन के बारे में बताया जाता है कि उनका विश्व जादूगर बिरादरी से भी नाता था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब रंजन मुंबई में रहते थे तो उस दौरान वह अदृश्य दैवीय शक्तियों को काबू करने में लगे रहते थे। मगर वह इसमें कामयाब नहीं हो पाए। उनकी मौत को लेकर ऐसी आशंका जाहिर की गई कि इन्हीं कारण से उनकी मौत हुई।

रंजन की मृत्यु 12 सितंबर 1983 को न्यू जर्सी के एक होटल में हार्ट अटैक के कारण हुई। उस समय वो 65 साल के थे।

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