राष्ट्रीय: पेरिस ओलंपिक में रेलवे कर्मचारी स्वप्निल कुसाले के पदक जीतने पर पुणे रेलवे में जश्न का माहौल

स्वप्निल कुसाले ने पेरिस ओलंपिक में पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन शूटिंग में कांस्य पद अपने नाम किया है। पदक विजेता स्वप्निल भारतीय रेलवे के कर्मचारी भी हैं। ओलंपिक में ऐतिहासिक पदक जीतने पर पुणे रेलवे द्वारा खुशियां मनाई जा रही हैं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-01 16:57 GMT

पुणे, 1 अगस्त (आईएएनएस)। स्वप्निल कुसाले ने पेरिस ओलंपिक में पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन शूटिंग में कांस्य पद अपने नाम किया है। पदक विजेता स्वप्निल भारतीय रेलवे के कर्मचारी भी हैं। ओलंपिक में ऐतिहासिक पदक जीतने पर पुणे रेलवे द्वारा खुशियां मनाई जा रही हैं।

स्वप्निल कुसाले साल 2015 से रेलवे के कर्मचारी हैं और पुणे में टिकट चेकर के पद पर कार्यरत हैं। ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने की खुशी में पुणे रेलवे के कर्मचारी काफी खुश हैं। उन्होंने स्टेशन पर अपने साथी कर्मचारी और यात्रियों को मिठाई बांट कर अपनी खुशी जाहिर की। इस दौरान कर्मचारियों ने जोश में भारत माता की जय के नारे भी लगाए।

रीजनल स्पोर्ट्स डायरेक्टर जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि, "रेलवे परिवार के लिए ये बहुत बड़ा क्षण है। सेंट्रल रेलवे और पुणे डिवीजन इससे काफी खुश है। स्वप्निल के पदक जीतने से हमारे पुणे के डिवीजन के लोग बहुत खुश हैं। कर्मचारियों ने सभी को मिठाई बांटी। जब स्वप्निल भारत लौटेंगे तो हम उनका बड़े स्तर पर स्वागत करें। स्वप्निल की सफलता से सभी को सीख लेनी चाहिए।"

बता दें कि स्वप्निल कुसाले ने पेरिस ओलंपिक में पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन शूटिंग स्पर्धा में कांस्य पदक जीता है। इसके बाद से देशभर में बधाइयों का दौर शुरू हो गया है। स्वप्निल के कोच विश्वजीत शिंदे आईएएनएस से खास बातचीत करते हुए अपनी खुशी जाहिर की।

उन्होंने बताया कि स्वप्निल ने हमारा सपना पूरा किया है, कई साल से हम इस दिन का इंतजार कर रहे थे, 28 साल का इंतजार खत्म हुआ है। उन्होंने कहा कि मैं स्वप्निल को शनिवार-रविवार को पुणे में शूटिंग सिखाता था।

वह नासिक क्रीडा प्रोजेक्ट के सर्च के तहत सामने आया था। राज्य सरकार ने उन्हें काफी सपोर्ट किया। आज खुशी मिल रही है कि उसने देश का नाम रोशन किया। चूंकि, मैं रेलवे का कोच भी था, तो उसे रेलवे में भी चुना गया। रेलवे में उसे नौकरी मिली। रेलवे ने उसे छूट दी। रेलवे ने कहा कि हमें आपसे ओलंपिक मेडल चाहिए। अब वह सपना पूरा हुआ।

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