पर्यावरण: पन्ना के सौ तालाबों का होगा गहरीकरण और सौंदर्यीकरण विष्णु दत्त शर्मा

मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में ऐतिहासिक महत्व के 100 से ज्यादा तालाब हैं। भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष और खजुराहो क्षेत्र के सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने कहा है कि इन सभी तालाबों का गहरीकरण होगा और सौंदर्यीकरण किया जाएगा।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-06 07:47 GMT

पन्ना, 6 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में ऐतिहासिक महत्व के 100 से ज्यादा तालाब हैं। भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष और खजुराहो क्षेत्र के सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने कहा है कि इन सभी तालाबों का गहरीकरण होगा और सौंदर्यीकरण किया जाएगा।

शर्मा ने गुरुवार को पन्ना में जल संरक्षण के लिए तालाबों के गहरीकरण और सौंदर्यीकरण के लिए श्रमदान करते हुए कहा कि आज पन्ना में तालाबों के गहरीकरण का शुभारंभ पार्टी कार्यालय के पास बने तालाब से किया गया है। यह आज सिर्फ शुरुआत है और आने वाले दिनों में पूरे पन्ना में 100 से भी ज्यादा पुराने तालाबों का गहरीकरण और सौंदर्यीकरण किया जाएगा। नगर पालिका, शहर की जनता के साथ-साथ पार्टी के कार्यकर्ता और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग तालाबों का गहरीकरण और सौंदर्यीकरण मिल जुलकर करेंगे ताकि पानी की कमी यहां नहीं रहे और पूरे शहर के लोग इन तालाबों की खूबसूरती को देखने आए।

शर्मा ने कहा कि इसके लिए विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह ने काफी समय पहले ही प्रयास शुरू कर दिए थे और इस दिशा में अब चाहे पौधारोपण की बात हो या फिर तालाबों के गहरीकरण का काम,ये सब तेजी से किया जाएगा।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि आज तालाब के गहरीकरण में महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में श्रमदान कर अपनी भागीदारी निभाई है। कई साल पहले यहां के लोगों ने जो तालाब बनाए थे उसके चलते हमें परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम जल संरक्षण के लिए आने वाली पीढ़ियों के लिए कुछ करें।

पन्ना जिला बुंदेलखंड में आता है और इस इलाके की पहचान जल संकट के कारण रही है। यहां के पुराने तालाब खराब हालत में हैं और उनकी जल संग्रहण क्षमता पहले के मुकाबले काफी कम हो गई है।

एक तरफ जहां इस इलाके के तालाबों को दुरुस्त करने की बात कही जा रही है, वहीं केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को भी जमीन पर उतारा जा रहा है। इससे इस बात की संभावना बनी है कि आने वाले समय में जल संकट के लिए पहचाने जाने वाले बुंदेलखंड की तस्वीर बदलेगी। यहां के लोगों को जल संकट के चलते न तो पलायन करना पड़ेगा और न ही खेती के लिए पानी से जूझना होगा।

ज्ञात हो कि राज्य में पर्यावरण दिवस 5 जून से जल गंगा संवर्धन अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान के तहत जल संरचना पर खास ध्यान दिया जाएगा, वहीं वृक्षारोपण भी किया जाएगा। यह अभियान 16 जून तक चलने वाला है।

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