राजनीति: पीएम मोदी की भाषा शैली पर अशोक गहलोत ने उठाए सवाल, कहा- बेरोजगारी, महंगाई पर अब नहीं बोलते
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। इसके अलावा, उन्होंने कांग्रेस छोड़कर अन्य दलों में शामिल होने वाले नेताओं को नाकारा, निकम्मा, गद्दार और पीठ में छुरा घोंपने वाला बताया।
जयपुर, 27 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। इसके अलावा, उन्होंने कांग्रेस छोड़कर अन्य दलों में शामिल होने वाले नेताओं को नाकारा, निकम्मा, गद्दार और पीठ में छुरा घोंपने वाला बताया।
इस बीच, उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं को हिदायत देते हुए कहा कि आप पार्टी के लिए संपत्ति बनिए, ना कि दायित्व। अगर आप संपत्ति बनेंगे और पार्टी का विश्वास अर्जित करेंगे, तो निकट भविष्य में आपके लिए राजनीतिक समृद्धि के मार्ग प्रशस्त होंगे। उन्होंने ओबीसी समुदाय को आरक्षण देने पर भी बल दिया।
अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी की भाषाई गरिमा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने अपनी भाषा शैली से अपने पद की गरिमा घटाई है। प्रधानमंत्री एक गरिमामय पद है, जिसकी गरिमा को कम करने का अधिकार किसी के पास नहीं है, ना ही कांग्रेस और ना ही किसी अन्य दल के पास इस तरह का अधिकार है, लेकिन प्रधानमंत्री ने इस चुनाव में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है, वो यकीनन निंदनीय है।
गहलोत ने दावा किया कि पीएम मोदी की भाषा शैली उनकी हार का कारण बनेगी। तमाम तरह के विवादित बयान देने के बाद प्रधानमंत्री कहते हैं कि मैं हिंदू-मुस्लिम की राजनीति नहीं करता, जिस दिन करूंगा, उस दिन सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लूंगा। प्रधानमंत्री एक दिन कुछ और दूसरे दिन कुछ और बोलते हैं, और जितना ज्यादा प्रधानमंत्री बोल रहे हैं, इंडिया गठबंधन के चुनाव जीतने की संभावना उतनी ही प्रबल हो रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री बेवजह के मुद्दों को लेकर राजनीति कर रहे हैं, जबकि असली मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। बेरोजगारी, महंगाई और किसानों जैसे मसलों पर प्रधानमंत्री नहीं बोलते हैं। इन मुद्दों को छोड़कर वो हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करते हैं। पीएम मोदी अपनी पार्टी का मेनिफेस्टो भूलकर कांग्रेस के मेनिफेस्टो का पोस्टमार्टम कर रहे हैं, जो कि किसी भी मायने में उचित नहीं है। कांग्रेस के मेनिफेस्टो से घबराने के बाद इन लोगों की भाषण शैली बदल गई। बीजेपी कहने लग गई कि यह मेनिफेस्टो मुस्लिम लीग का है। आखिर यह सब क्या हो रहा है। ये लोग अपना एजेंडा नहीं बना पा रहे हैं। इन लोगों के पास चुनाव प्रचार के लिए कोई मुद्दा नहीं है। सिर्फ और सिर्फ राहुल गांधी का नाम लेकर प्रचार कर रहे हैं, जिससे कुछ खास होने वाला नहीं है।
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