राजनीति: विकसित भारत एंबेसडर अश्विनी वैष्णव ने दिया भरोसा, 'पांच से छह सालों में रेलवे से वेटिंग लिस्ट होगा खत्म'

मुंबई में 'विकसित भारत एंबेसडर' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज से 10 साल पहले रेलवे की बात करते थे तो अलग तस्वीरें नजर आती थी। रेलवे स्टेशनों और ट्रेन में गंदगी की समस्या होती थी। 10 साल पहले रेलवे की हालत थी कि इसको राइट ऑफ किया हुआ था।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-16 13:24 GMT

नई दिल्ली, 16 मई (आईएएनएस)। मुंबई में 'विकसित भारत एंबेसडर' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज से 10 साल पहले रेलवे की बात करते थे तो अलग तस्वीरें नजर आती थी। रेलवे स्टेशनों और ट्रेन में गंदगी की समस्या होती थी। 10 साल पहले रेलवे की हालत थी कि इसको राइट ऑफ किया हुआ था।

इसी कार्यक्रम में उन्होंने मंच से यह भी बता दिया कि आने वाले 5-6 सालों में रेलवे में वेटिंग लिस्ट का झमेला खत्म हो जाएगा।

इस दौरान अश्विनी वैष्णव ने बिना नाम लिए आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ नेता लोग थे, जो जमीन के बदले जॉब देकर इस तरह के कारनामे करके अपना घर भरते थे या फिर अपने बच्चों को स्थापित करने में लगे रहते थे।

उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में पीएम मोदी रेलवे में बड़ा अविश्वसनीय परिवर्तन लेकर आए। सबसे पहले उन्होंने ट्रेनों में टॉयलेट की व्यवस्था में बदलाव किया। आज से 15-20 साल पहले कोई नहीं सोच सकता था कि रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में इतनी सफाई हो सकती है। 2.5 करोड़ लोग ट्रेन में डेली सफर करते हैं, ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या के बराबर ट्रेन में लोग भारत में सफर करते हैं। सालभर में 750 करोड़ लोग केवल ट्रेन से यात्रा करते हैं।

उन्होंने बताया कि पिछली कांग्रेस सरकारों ने रेलवे की उपेक्षा करते हुए सोचा था, इसमें कुछ परिवर्तन नहीं होने वाला है। लेकिन, पीएम मोदी ने आते ही इस प्रॉब्लम को समझा और जाना कि आखिर रेलवे में निवेश क्यों नहीं आता है। भारत सरकार रेलवे को जो ग्रांट देती थी, उसके ऊपर भी 7 टका ब्याज लगता था, मतलब सरकार से सरकार के बीच भी ब्याज जाता था। लेकिन, पीएम मोदी बड़ी ही बारीकी से हर काम को जांचते-परखते हैं। जब उनको ये समझ आया तो उन्होंने सबसे पहले रेलवे के बजट को आम बजट में मर्ज कर दिया। जो सात टके ब्याज वाली बात थी, वो खत्म हो गई।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि कांग्रेस के समय में रेल की पटरियां कछुए की चाल में बिछाई जाती थी। प्रतिदिन मात्र 4 किलोमीटर की स्पीड से काम होता था। साल में डेढ़ हजार किलोमीटर के आस-पास पटरियां बिछाई जाती थी। जबकि, मोदी सरकार ने एक साल में 5,300 किलोमीटर पटरियां बिछाई। इसके पिछले साल 5,200 किलोमीटर पटरियां बिछाई गई थी यानी एक साल में भारत ने स्विट्जरलैंड के पूरे रेलवे नेटवर्क के जितना रेलवे पटरियों का जाल बिछा दिया है। वहीं, 10 साल में पूरे देश में 31,000 किलोमीटर नई पटरियां बिछाई गई हैं। अगले पांच-छह साल में देश में इतनी पटरियां बन चुकी होगी, इतनी नई ट्रेनें चल चुकी होंगी कि वेटिंग लिस्ट का झमेला ही खत्म हो जाएगा। उसी दिशा में हम काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस चूना लगाने की दुकान थी। वो पुरानी चीजों को पेंट कर देते थे और पुरानी चीजों को नया दिखा देते थे। लेकिन, पीएम मोदी कहते हैं स्थायी परिवर्तन लाओ। इसलिए, देशभर में 1,300 स्टेशनों को नया बनाया जा रहा है। यह दुनिया का सबसे बड़ा रिडेवलपमेंट कार्यक्रम है। स्टेशनों के डिजाइन भी ऐसे बन रहे हैं, जिसे देखकर लगेगा कि भारत का जो सपना है, उसे देखकर पूरा होता है।

वैष्णव ने कार्यक्रम में बताया कि हम रेलवे के लिए सुपर ऐप बनाने जा रहे हैं, जिसमें रेलवे से जुड़ी जितनी भी सुविधाएं हैं। जैसे आपको देखना है कि कौन सी ट्रेन कहां से कहां जा रही है, टिकट लेना हो, रिजर्व या अनरिजर्व हो। रिजर्व हो तो आईआरसीटीसी का उपयोग करके और अनरिजर्व हो तो लाइन में लगना ना पड़े। इन्हीं सभी बातों को ध्यान में रखकर एक सुपर ऐप बनाने जा रहे हैं। जिससे आपकी जिंदगी में रेलवे का एक नया एक्सपीरियंस हो। इस ऐप को बनाने में करीब 4 से 5 महीने लग सकते हैं।

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