राजनीति: सीएम शिंदे की सहमति से सांसद राजेंद्र गावित को भाजपा में कराया शामिल फडणवीस

शिवसेना सांसद राजेंद्र गावित मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। इस संबंध में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राजेंद्र गावित को मुख्यमंत्री शिंदे की सहमति के बाद भाजपा में शामिल कराया गया।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-07 08:29 GMT

पालघर (महाराष्ट्र), 7 मई (आईएएनएस)। शिवसेना सांसद राजेंद्र गावित मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। इस संबंध में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राजेंद्र गावित को मुख्यमंत्री शिंदे की सहमति के बाद भाजपा में शामिल कराया गया।

पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि 2018 में राजेंद्र गावित भाजपा में आए। 2019 के चुनाव में शिवसेना और भाजपा गठबंधन में शिवसेना ने सीट और उम्मीदवारी दोनों मांगी। इस पर हमने गावित को शिवसेना में भेजा। चुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई।

2024 के चुनाव में पालघर की सीट भाजपा के खाते में आई। हमने इस सीट से एक बार फिर गावित को चुनाव लड़ाने का फैसला किया। इस संबंध में हमने मुख्यमंत्री शिंदे से आग्रह किया और गावित को भाजपा में शामिल कराया।

फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस कहती है कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है और मोदीजी का मानना है कि इस पर पहला अधिकार गरीबों का है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की विभाजनवादी राजनीति हमेशा उस पर भारी पड़ी है।

फडणवीस ने कहा, बाबासाहेब अंबेडकर ने संविधान में व्यवस्था दी कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। लेकिन इंडी एलायंस संविधान बदलना और धर्म के आधार पर आरक्षण प्रदान करना चाहता है।

कांग्रेस द्वारा पीएम मोदी को डिक्टेटर कहने पर फडणवीस ने कहा कि पूरे देश ने 1975 में डिक्टेटरशिप देखी। उस समय पूरे विपक्ष को दो साल जेल में रखा गया था।

कांग्रेस नेता विजय वड्डेटीवार द्वारा मुंबई के आतंकी हमले में शहीद हुए एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे के पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब की गोली से न मरने के बयान पर फडणवीस ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि वड्डेटीवार पाकिस्तान के संपर्क में तो नहीं आ गए।

उन्होंने कहा कि सप्रीम कोर्ट में यह सिद्ध हो चुका है कि कसाब ने ना सिर्फ करकरे को, बल्कि कई अन्य निर्दोष लोगों की जान ली।

फडणवीस ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि वड्डेटीवार के बयान से क्या उद्धव ठाकरे सहमत हैं? उन्होंने चुप्पी क्यों साध रखी है। उनकी चुप्पी ये दर्शाता है कि उद्धव ठाकरे लाचार हैं।

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