अपराध: आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ी

दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को कथित आबकारी नीति घोटाले से संबद्ध एक धन शौधन मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ा दी।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-06 08:56 GMT

नई दिल्ली, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को कथित आबकारी नीति घोटाले से संबद्ध एक धन शौधन मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ा दी।

दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री सिसोदिया को उनकी पिछली न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर राउज एवेन्यू कोर्ट में विशेष जज कावेरी बावेजा के समक्ष पेश किया गया था।

मंगलवार को सिसौदिया की जमानत अर्जी पर बहस के दौरान उनके वकील ने मामले की जांच पूरी करने में देरी का आरोप लगाया था।

सिसौदिया के वकील मोहित माथुर ने तर्क दिया था कि जांच समाप्त होने के 11 महीने बीत जाने के बावजूद, उनके मुवक्किल को कथित रिश्वत के पैसे से जोड़ने का कोई सबूत नहीं मिला है।

माथुर ने राउज़ एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष दलीलें पेश कीं, जिसमें उन्होंने सीबीआई के सरकारी वकील की अनुपस्थिति का मुद्दा उठाया।

माथुर ने दोहराया था कि अपराध की कथित आय से सरकारी खजाने या निजी उपभोक्ताओं को कोई नुकसान होने की बात साबित नहीं हुई है।

उन्होंने मुकदमे में देरी पर जोर देते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का उन्हें अदालत जाने की इजाजत देने वाला आदेश छह महीने पुराना है और जांच अब तक पूरी हो जानी चाहिए थी।

एक अन्य आरोपी बेनॉय बाबू को दी गई जमानत का हवाला देते हुए, माथुर ने सिसोदिया की जमानत के लिए दलील देते हुए कहा था कि वह अब प्रभावशाली पद पर नहीं हैं।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया था कि सिसोदिया ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बताए गए ट्रिपल टेस्ट को पूरा किया और त्वरित सुनवाई का आग्रह किया।

माथुर ने आगे कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी आवश्यक शर्तों को पूरा करने और स्वतंत्रता के किसी भी दुरुपयोग की अनुपस्थिति को देखते हुए, जमानत के लिए सिसोदिया की पात्रता स्थापित हो चुकी है।

ईडी और सीबीआई दोनों ही सिसोदिया की भूमिका की जांच कर रहे हैं।

इससे पहले, सीबीआई के वकील ने अदालत से कहा था कि जांच महत्वपूर्ण चरण में है और सिसोदिया को जमानत पर रिहा करने से चल रही जांच में बाधा आ सकती है या उन्हें न्याय से वंचित होना पड़ सकता है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Similar News