स्वास्थ्य/चिकित्सा: बाल अधिकार आयोग ने एफएसएसएआई से नेस्ले के शिशु आहार उत्पादों में शुगर की मात्रा की समीक्षा करने को कहा

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने एक रिपोर्ट में स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों के उल्लंघन की बात सामने आने के बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं संरक्षा प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से नेस्ले के बेबी फूड प्रोडक्ट्स में शुगर की मात्रा की जांच करने के लिए कहा है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-18 16:06 GMT

नई दिल्ली, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने एक रिपोर्ट में स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों के उल्लंघन की बात सामने आने के बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं संरक्षा प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से नेस्ले के बेबी फूड प्रोडक्ट्स में शुगर की मात्रा की जांच करने के लिए कहा है।

स्विस संगठन पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (आईबीएफएएन) की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में वैश्विक दिग्गज नेस्ले द्वारा बेचे जाने वाले बेबी-फूड ब्रांडों में ब्रिटेन, जर्मनी, स्विटजरलैंड और दूसरे विकसित देशों के समान उत्पादों के विपरीत शुगर का उच्च स्तर होता है।

आईएएनएस द्वारा देखे गए खाद्य नियामक को लिखे पत्र में एनसीपीसीआर प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने कहा, "इन चिंताओं के मद्देनजर यह अनुरोध किया जाता है कि एफएसएसएआई नेस्ले और अन्य कंपनियों द्वारा निर्मित और विपणन किए जाने वाले शिशु खाद्य उत्पादों में शुगर की मात्रा की व्यापक समीक्षा करे।"

आयोग ने कहा कि उसने रिपोर्ट का "संज्ञान ले लिया है" और शुगर की अतिरिक्त मात्रा संभावित रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है।

एफएसएसएआई प्रमुख जी. कमला वर्धन राव को संबोधित पत्र में कहा गया है, "इस जनसंख्या समूह की संवेदनशीलता और उनकी अद्वितीय पोषण संबंधी जरूरतों को देखते हुए, यह जरूरी है कि शिशु आहार पोषण गुणवत्ता और सुरक्षा के लिए सख्त मानकों को पूरा करे।"

खाद्य नियामक से यह जांचने का अनुरोध किया गया कि नेस्ले के उत्पाद उसके द्वारा प्रमाणित हैं या नहीं। इसने एफएसएसएआई से आयोग को "शिशु खाद्य उत्पादों के लिए मानक दिशानिर्देश" प्रदान करने और खाद्य नियामक के साथ पंजीकृत शिशु खाद्य उत्पाद कंपनियों और उत्पादों की सूची साझा करने के लिए भी कहा है।

आयोग ने एफएसएसएआई से "सात दिन के भीतर पूछताछ करने और जानकारी देने" को कहा है।

इस बीच, नेस्ले ने कहा है कि उसने पिछले पांच साल में अतिरिक्त शुगर में 30 प्रतिशत तक की कमी की है और वह अपने उत्पादों की पोषण गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं करती है।

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