राजनीति: आदित्य ठाकरे ने मंत्री को लिखा पत्र, पालघर हवाई अड्डे के प्रस्ताव को स्वीकृति देने की मांग
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने मंगलवार को केंद्र की नई एनडीए सरकार से आदिवासी जिले पालघर में हवाई अड्डे के लिए लंबे समय से लंबित प्रस्ताव और नवी मुंबई व छत्रपति संभाजीनगर में हवाई अड्डों का नाम बदलने को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।
मुंबई, 18 जून (आईएएनएस)। शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने मंगलवार को केंद्र की नई एनडीए सरकार से आदिवासी जिले पालघर में हवाई अड्डे के लिए लंबे समय से लंबित प्रस्ताव और नवी मुंबई व छत्रपति संभाजीनगर में हवाई अड्डों का नाम बदलने को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।
नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू को लिखे पत्र में ठाकरे ने कहा कि ये प्रस्ताव करीब पांच साल पहले नवंबर 2019 से जून 2022 तक सत्ता में रही महा विकास अघाड़ी सरकार द्वारा भेजे गए थे।
ठाकरे जूनियर ने तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के मंत्री नायडू से कहा,“महोदय, मैं आपको एक ऐसे मुद्दे पर हस्तक्षेप करने के लिए लिख रहा हूं, जो वास्तव में आसान है, फिर भी महाराष्ट्र के प्रति भाजपा की दुर्भावना के कारण चार वर्षों से लंबित है। एमवीए सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान दो हवाई अड्डों का नाम बदला था, और स्वीकृति के लिए उसे केंद्र सरकार को भेजा थे, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है।”
आदित्य ठाकरे ने उम्मीद जताई है कि एन. चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के एनडीए में शामिल होने से लोग शासन में समावेशी आवाज़ों की ओर देख रहे हैं और उन्हें विश्वास है कि लोकतंत्र की रक्षा होगी।
पूर्व मंत्री ने कहा कि छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) में स्थित हवाई अड्डे का नाम बदलकर ‘छत्रपति संभाजी महाराज हवाई अड्डा’ कर दिया गया है और नवी मुंबई में बनने वाले हवाई अड्डे का नाम ‘डी.बी. पाटिल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा’ रखा गया है।
ठाकरे जूनियर ने दावा किया कि “इन नामों की स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार से बार-बार अनुरोध किया गया, लेकिन महाराष्ट्र विरोधी पिछली भाजपा सरकार ने एमवीए सरकार और महाराष्ट्र के नागरिकों के अनुरोधों पर ध्यान नहीं दिया।”
ठाकरे ने बताया कि उनकी सरकार ने पालघर जिले में एक हवाई अड्डे के लिए काम शुरू कर किया, जो मुंबई महानगर क्षेत्र के लिए तीसरा हवाई अड्डा हो सकता है। इससे यात्री और माल यातायात में सहूलियत होगी।
“इस प्रस्ताव को भी, बार-बार अनुरोध के बावजूद, भाजपा ने नज़रअंदाज़ कर दिया। उन्होंने पत्र में कहा, "आप एक मजबूत क्षेत्रीय ताकत का प्रतिनिधित्व करते हैं और राज्यों की भावनाओं को समझते हैं, इसलिए उम्मीद है कि आप हमारे अनुरोधों पर विचार करेंगे और महाराष्ट्र राज्य को सम्मान और आदर देंगे।"
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