बॉलीवुड: निशिकांत कामत एक ऐसा 'मदारी' जो अपने इशारों पर सिनेमा को नचाता था

50 साल की उम्र में अपने चाहने वालों को अलविदा कहकर चला जाना, ये भी कोई जाना है। वो भी उसका जिसने दुनिया को 'मदारी' बनकर उसका 'दृश्यम' दिखाया! फिल्मों में जिसने अपने अभिनय की अमिट छाप छोड़ी, निर्देशन के जरिए भी बड़े पर्दे पर वह किया जिससे टक्कर लेना शायद किसी के बूते की बात नहीं थी। लेकिन हाय रे, लिवर सिरोसिस जो उनकी जान ही लेकर गया। निशिकांत कामत यह नाम तो आपने सुना ही होगा। बॉलीवुड के एक ऐसे अभिनेता जिन्होंने फिल्म में खूंखार दिखने के लिए अपने सिर के बाल तक मुंडवा लिए थे।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-17 02:50 GMT

नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)। 50 साल की उम्र में अपने चाहने वालों को अलविदा कहकर चला जाना, ये भी कोई जाना है। वो भी उसका जिसने दुनिया को 'मदारी' बनकर उसका 'दृश्यम' दिखाया! फिल्मों में जिसने अपने अभिनय की अमिट छाप छोड़ी, निर्देशन के जरिए भी बड़े पर्दे पर वह किया जिससे टक्कर लेना शायद किसी के बूते की बात नहीं थी। लेकिन हाय रे, लिवर सिरोसिस जो उनकी जान ही लेकर गया। निशिकांत कामत यह नाम तो आपने सुना ही होगा। बॉलीवुड के एक ऐसे अभिनेता जिन्होंने फिल्म में खूंखार दिखने के लिए अपने सिर के बाल तक मुंडवा लिए थे।

निशिकांत कामत एक बेहतरीन अभिनेता के साथ, शानदार निर्देशक भी थे। साल 2016 में रिलीज हुई फिल्म 'रॉकी हैंडसम' का निशिकांत कामत केवल निर्देशन ही नहीं कर रहे थे, बल्कि वह बतौर विलेन भी पर्दे पर नजर आए थे। फिल्म में खतरनाक विलेन दिखने के लिए उन्होंने अपना सिर मुंडवा लिया था। लेकिन, बॉक्स ऑफिस पर उनकी अदाकारी का जादू नहीं चला और फिल्म पिट गई थी।

'दृश्यम', 'फोर्स', 'मदारी', 'मुंबई मेरी जान', 'लय भारी' जैसी फिल्में बनाकर निशिकांत ने इस इंडस्ट्री में अपने लिए अलग जगह बनाई थी।

17 जून 1970 को महाराष्ट्र के दादर में जन्मे निशिकांत कामत ने साल 2004 में 'हवा आने दे' से बतौर एक्‍टर बॉलिवुड में एंट्री मारी। इसके बाद वह कई हिंदी और मराठी फिल्‍मों में अभिनय करते नजर आए। '404 एरर नॉट फाउंड' में अभिनय ने उनके करियर को एक नई दिशा दे दी थी। फिर साल 2008 में उन्‍होंने बतौर निर्देशक पहली फिल्‍म 'मुंबई मेरी जान' बनाई। अपने 16 साल के फिल्‍मी करियर में उन्होंने 5 हिंदी फिल्‍मों का डायरेक्‍शन किया। वह जितने अच्छे अभिनेता और निर्देशक थे उतने ही बेहतरीन फिल्म राइटर भी थे।

1999 से 2001 के बीच का समय उनके लिए परेशानियों और संघर्षों से भरा रहा। वह रोज काम की तलाश में निकलते और दर-बदर भटकते देर रात तक घर लौट पाते थे। निशिकांत की मां की इच्छा थी कि वह उन्हें फिल्ममेकर के रूप में देखे, लेकिन उनकी यह ख्वाहिश अधूरी रह गई। साल 2003 में उनकी मां का निधन हो गया और उसके दो महीने बाद निशिकांत की पहली फिल्म रिलीज हुई।

2015 में आई अजय देवगन और तब्बू अभिनीत फिल्म 'दृश्यम' के निर्देशक निशिकांत कामत थे, तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि साउथ में जिस फिल्म का दो बार निर्माण हो चुका है उसका रीमेक इतनी सफलता हासिल करेगा। फिल्म ने सिनेमा के पर्दे पर धूम मचा दी और कामत को बतौर निर्देशक भी शानदार पहचान मिल गई।

बिग बी के साथ काम करना निशिकांत का सपना था लेकिन, यह सपना कभी पूरा नहीं हो पाया। 2022 में उनकी एक और फिल्म दरबदर दर्शकों के बीच आने वाली थी लेकिन परमात्मा को कुछ और ही मंजूर था। 17 अगस्त 2020 को ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। निशिकांत कामत का हैदराबाद के एक अस्पताल में मल्टीपल ऑर्गन फेलियर के कारण निधन हो गया।

-- आईएएनएस

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