राष्ट्रीय: राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाली के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया 1 लाख का जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता की बहाली को चुनौती देने वाली जनहित याचिका दायर करने के लिए लखनऊ के एक वकील पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-19 12:58 GMT

नई दिल्ली, 19 जनवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता की बहाली को चुनौती देने वाली जनहित याचिका दायर करने के लिए लखनऊ के एक वकील पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस तरह की तुच्छ याचिकाएं दायर करने से न केवल अदालत का बल्कि पूरे सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री का कीमती समय बर्बाद होता है।

न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता अशोक पांडे के कहने पर मामले को पहले भी दो बार स्थगित किया जा चुका है।

अपनी याचिका में, अशोक पांडे ने तर्क दिया था कि एक बार संसद या राज्य विधानमंडल का कोई सदस्य कानून के तहत अपना पद खो देता है, तो वह तब तक अयोग्य रहेगा जब तक वह अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से बरी नहीं हो जाता।

उन्होंने संविधान पीठ से यह तय करने का अनुरोध किया कि क्या दोषसिद्धि पर रोक के आधार पर कानून के तहत अयोग्यता झेलने वाला व्यक्ति संसद या राज्य विधानमंडल का सदस्य चुने जाने या बनने के योग्य हो जाएगा।

पिछले साल अगस्त में, सुप्रीम कोर्ट ने 'मोदी उपनाम' मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी थी, यह कहते हुए कि ट्रायल जज ने दो साल की अधिकतम सजा देने के लिए कोई कारण नहीं बताया था।

सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश के बाद, लोकसभा सचिवालय ने 7 अगस्त 2023 को संसद में उनकी सदस्यता बहाल कर दी थी। राहुल गांधी को मार्च 2023 में एक सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जब सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को अप्रैल 2019 में कर्नाटक में एक चुनावी रैली के दौरान की गई टिप्पणी 'सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे है' के लिए दो साल की जेल की सजा सुनाई थी।

अक्टूबर 2023 में न्यायमूर्ति गवई की अगुवाई वाली पीठ ने लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैज़ल की लोकसभा सदस्यता की बहाली के खिलाफ इसी तरह की याचिका दायर करने के लिए पांडे पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।

न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि आप एक वकील हैं और ऐसी तुच्छ याचिकाए दायर कर रहे हैं। आपको ऐसी याचिकाएं दायर करने से पहले दस बार सोचना चाहिए।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Similar News