आपदा: वायनाड की त्रासदी में हर संभव मदद कर रही मोदी सरकार, लेकिन राहुल गांधी कर रहे राजनीति अनिल एंटनी

केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन प्रभावित इलाकों का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को वायनाड के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे, राहत एवं पुनर्वास के लिए चलाए जा रहे कार्यों को देखेंगे, राहत शिविर और अस्पताल जाकर पीड़ितों से मुलाकात करेंगे और राहत, बचाव एवं पुनर्वास को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक भी करेंगे।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-10 05:47 GMT

नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)। केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन प्रभावित इलाकों का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को वायनाड के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे, राहत एवं पुनर्वास के लिए चलाए जा रहे कार्यों को देखेंगे, राहत शिविर और अस्पताल जाकर पीड़ितों से मुलाकात करेंगे और राहत, बचाव एवं पुनर्वास को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक भी करेंगे।

हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वायनाड दौरे को लेकर भी राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वायनाड से लोकसभा सांसद रह चुके राहुल गांधी ने एक बार फिर से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग करते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा, "व्यक्तिगत रूप से भयानक त्रासदी का जायजा लेने के लिए वायनाड जाने के लिए धन्यवाद, मोदी जी। ये एक अच्छा फैसला है। मुझे विश्वास है कि एक बार जब प्रधानमंत्री प्रत्यक्ष रूप से तबाही को देख लेंगे, तो वह इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर देंगे।"

राहुल गांधी की इस मांग को लेकर भाजपा ने उन पर पलटवार करते हुए हुए यह आरोप लगाया है कि वह वायनाड की त्रासदी का राजनीतिकरण करने में लगे हुए हैं।

आईएएनएस से खास बातचीत करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय सचिव एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल एंटनी ने कहा कि राहुल गांधी 20 वर्षों से सांसद हैं, एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं और अब लोकसभा में विपक्ष के नेता भी हैं। लेकिन वह राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के नियम और कानून को जाने बिना वायनाड आपदा का राजनीतिकरण कर रहे हैं। जबकि उन्हीं के यूपीए सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2013 में तत्कालीन गृह राज्य मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा में कहा था कि, 'प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है।' वही नियम आज भी लागू है। लेकिन राहुल गांधी वायनाड की आपदा का राजनीतिकरण कर रहे हैं, ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है। यह समय राजनीति करने का नहीं है।

कांग्रेस के दिग्गज नेता और कांग्रेस की सरकार में मंत्री रह चुके एके एंटनी के बेटे भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल एंटनी ने आईएएनएस से आगे कहा कि वायनाड का यह भूस्खलन भयानक त्रासदी है। इसमें सैकड़ों लोग मारे गए हैं और बहुत से लोग अभी तक मिसिंग हैं। केंद्र की मोदी सरकार ने अर्ली वार्निंग सिस्टम के जरिए इस त्रासदी की आशंका को लेकर पहले ही केरल सरकार को सचेत कर दिया था, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। लेकिन जैसे ही वायनाड में यह भीषण त्रासदी हुई, राजनीति के बारे में सोचे बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार ने तुरंत हालात का जायजा लिया और कुछ ही घंटे के भीतर वहां हर संभव सहायता पहुंचाई गई। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की कई बटालियन को लगाया गया। आर्म्ड फोर्सेज को लगाया गया, सेना को भी वहां भेजा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं केरल के मुख्यमंत्री से बात की। हादसे में मरने वाले लोगों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा की गई। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं वायनाड में हालात का जायजा ले रहे हैं और जो भी अतिरिक्त सहयोग देना होगा, केंद्र सरकार हर तरह की सहायता केरल के लोगों को देने के लिए तैयार है।

केंद्र ने राजनीति के बारे में सोचे बिना, तेजी से हर संभव सहायता केरल के वायनाड के लोगों तक पहुंचाने का काम किया। हमारा यह मानना है कि आपदा का यह समय राजनीति करने का नहीं है। लेकिन राहुल गांधी इस आपदा पर भी राजनीति कर रहे हैं, राजनीतिक लाभ हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं।

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