राष्ट्रीय: किरेन रिजिजू ने संविधान दिवस को बताया ‘पवित्र’ दिन

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने ‘संविधान दिवस’ को देश के लिए महत्वपूर्ण और पवित्र दिन बताया। उन्होंने कहा मैं इस खास मौके पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं और बधाई देता हूं।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-26 08:15 GMT

नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने ‘संविधान दिवस’ को देश के लिए महत्वपूर्ण और पवित्र दिन बताया। उन्होंने कहा मैं इस खास मौके पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं और बधाई देता हूं।

उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि, “आज संविधान दिवस है। लिहाजा किसी भी प्रकार की कोई भी राजनीतिक बयानबाजी न हो, तो बेहतर रहेगा। मैं सभी राजनीतिक दलों से कहना चाहूंगा कि वो आज के दिन सदन का सुचारू संचालन करने में अपना योगदान दें।”

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि संविधान दिवस मनाने के साथ ही हमने संविधान को आत्मसात भी किया है। संविधान को आत्मसात किए हमें पूरे 75 साल हो चुके हैं। यह हमारे लिए बहुत बड़ा दिन है। हमने इसे संविधान अमृत महोत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।

वहीं केंद्रीय मंत्री से पत्रकारों ने राजनीतिक विषयों को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने किसी भी प्रकार का जवाब देने से साफ इनकार कर दिया।

उन्होंने कहा कि मैं इस पर किसी भी प्रकार की राजनीतिक बयानबाजी नहीं करना चाहूंगा। आज बहुत ही अच्छा दिन है। लिहाजा मैं चाहता हूं कि किसी भी प्रकार की राजनीतिक टिप्पणी ना हो।

उन्होंने कहा, “मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि सरकार की तरफ से 'संविधान अमृत महोत्सव' मनाने का निर्णय लिया गया है। लेकिन, यह कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं होगा। इसमें आम नागरिक भी हिस्सा ले सकेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “भारत का संविधान दुनिया का सबसे खूबसूरत संविधान है, जो बाबा साहेब आंबेडकर के द्वारा मिला है। यह संविधान हमारा बखूबी मार्गदर्शन करता है। इस बार हमने संविधान दिवस मनाने के साथ ही पूरे साल संविधान अमृत महोत्सव भी मनाने का फैसला किया है।”

बता दें कि हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन सभी भारतीयों के लिए बहुत अहम है, क्योंकि इसी दिन साल 1949 में भारत के संविधान सभा की ओर से संविधान के तैयार खाके को अपनाया गया था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को भारत में संविधान लागू किया गया था।

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