राष्ट्रीय: हमने 350 परिवारों की कराई घर वापसी जगद्गुरु रामानंदाचार्य

नानीधाम के आचार्य पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य ने आईएएनएस से बातचीत में बुधवार को बताया कि वो 350 लोगों की घर वापसी कराते हुए उन्हें हिंदू धर्म में लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि किसी का भी धर्मांतरण नहीं कराया गया है, बल्कि उन सभी लोगों को उनके मूल धर्म में लेकर आए हैं, जो कि पहले किसी के बहकावे में आकर अपने धर्म से भटक गए थे।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-06 15:18 GMT

रायपुर, 6 नवंबर (आईएएनएस)। नानीधाम के आचार्य पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य ने आईएएनएस से बातचीत में बुधवार को बताया कि वो 350 लोगों की घर वापसी कराते हुए उन्हें हिंदू धर्म में लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि किसी का भी धर्मांतरण नहीं कराया गया है, बल्कि उन सभी लोगों को उनके मूल धर्म में लेकर आए हैं, जो कि पहले किसी के बहकावे में आकर अपने धर्म से भटक गए थे।

उन्होंने कहा, “हम 350 परिवारों को आज हिंदू धर्म में लेकर आए हैं। हम इससे पहले भी डेढ़ लाख परिवारों को हिंदू धर्म में ला चुके हैं। धर्मांतरण, खासकर हिंदू धर्म से दूसरे धर्मों की ओर जाना है, यह एक षडयंत्र के रूप में हो रहा है, जिसका उद्देश्य हिंदू धर्म को समाप्त करना है।”

उन्होंने आगे कहा, “ हम किसी प्रकार का धर्मांतरण नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह 'घर वापसी' है। घर वापसी का मतलब है कि जो लोग हिंदू धर्म से भटककर अन्य धर्मों को अपना चुके थे, उन्हें वापस हिंदू धर्म में लाया जाए, बिना उनकी जाति या धर्म बदले।”

उन्होंने कहा, “धर्मांतरण असल में ईसाई और मुस्लिम समुदायों द्वारा किया जाता है, जो हिंदू व्यक्तियों को अपनी धर्म में बदलने के लिए रिश्वत, पैसा या अन्य उपायों का इस्तेमाल करते हैं। इस तरह के धर्मांतरण से लोग अपनी पवित्रता और संस्कार खो देते हैं और यह एक बड़ा समाजिक और धार्मिक संकट उत्पन्न करता है।”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हिंदू धर्म में ऐसी कोई प्रथा नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य दूसरे धर्मों का आदर करना है। हिंदू धर्म का सबसे बड़ा गुण यह है कि यह दूसरों के धर्मों का सम्मान करता है और हम कभी भी किसी धर्म का विरोध नहीं करते।”

उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू धर्म के समाप्त होने का खतरा है, क्योंकि ईसाई और मुस्लिम लोग चुपचाप अपनी रणनीतियों से इसे खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। राजनीति में सही इच्छाशक्ति की कमी के कारण ये प्रयास जारी हैं, और जब तक इस पर कड़ा कानून लागू नहीं होता, तब तक यह समस्या बढ़ती जाएगी। धर्मांतरण पर कड़ा कानून होना चाहिए, जो कि हिंदू धर्म को बचाने में सहायक हो।

इसके अलावा, उन्होंने महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों का उल्लेख किया और इस पर चिंता जताई कि अन्य धर्मों के लोग, खासकर मुस्लिम और ईसाई समुदाय के लोग, इन आयोजनों में भाग लें या न लें।

उन्होंने सुझाव दिया कि हिंदू धर्मस्थलों पर इन धर्मों के अनुयायियों के प्रवेश पर रोक लगाई जानी चाहिए, ताकि हिंदू धर्म के संस्कार और शिक्षा सुरक्षित रह सकें।

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